बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़ ,चमोली। राजकीय इण्टर कॉलेज असेड़-सिमली में शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की कमी के चलते अभिभावक अपने नौनिहालों की टीसी निकालकर अयंन्त्र विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए विवश हो गए हैं।जिस कारण राइंका असेड़-सिमली में छात्र संख्या पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
दरअसल राइंका असेड़-सिमली में पिछले कई वर्षों से प्रवक्ताओं के सृजित दस पदों के सापेक्ष मात्र चार प्रवक्ता ही क्रमशः भौतिकी,जीव विज्ञान,संस्कृत एवं हिंदी में कार्यरत हैं जबकि अंग्रेजी,रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र,गणित व राजनीति शास्त्र के प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे हैं।
सहायक अध्यापक एलटी में सृजित आठ पदों के सापेक्ष मात्र चार क्रमश हिंदी, अंग्रेजी,गणित तथा सामाजिक विज्ञान अध्यापन करा रहे हैं जबकि विज्ञान,कला,व्यायाम विषय शिक्षक विहीन चल रहें हैं। वहीं परिचारक के सृजित चारों पद ही रिक्त चल रहे हैं और प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त चल रहा है। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि इस विद्यालय में शैक्षणिक कार्य, कार्यालय कार्य और पाठ्य सह क्रियाएं किस प्रकार से संपादित की जा रही होंगी।
शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पीटीए अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों और अन्य स्टाफ की कमी के कारण अविभावक गण अपने नौनिहालों के भविष्य को देखते हुए टीसी निकालकर अयंन्त्र विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों से पठन पाठन के अतिरिक्त कार्य,कार्यालयी कार्य व अन्य कार्य करवाए जाने के फलस्वरूप अध्यापकों के मूल कार्यों का भी क्षरण हो रहा है।
बताया कि हाल ही में विद्यालय से एलटी वर्ग के एक गणित के शिक्षक को दूसरे विद्यालय में व्यवस्था पर भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं ,जबकि विद्यालय पहले ही शिक्षकों की बड़ी कमी से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि अविभावक संघ इस तरह के निर्देश का विरोध करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर शिक्षक के दूसरे विद्यालय में व्यवस्था पर नहीं भेजने की मांग करेंगे। और कहा कि यदि शिक्षा विभाग ने उनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं किया तो वे आंदोलन करने के लिए विवश होंगे।
इस मामले में दूरभाष पर संपर्क करने पर जिला शिक्षा अधिकारी दीपक गैरोला ने बताया कि पदोन्नति और स्थानांतरण की प्रक्रियाएं गतिमान हैं और जैसे ही यह प्रक्रियाएं पूरी हो जाती है तो कोई न कोई समाधान निकाल कर राइंका असेड़-सिमली में शिक्षकों की व्यवस्था की जायेगी।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक