ईडीआईआई ने ‘उद्यमिता पखवाड़ा’ के माध्यम से उद्यमिता के लिए राष्ट्र स्तर पर अभियान की शुरुआत की

ईडीआईआई ने ‘उद्यमिता पखवाड़ा’ के माध्यम से उद्यमिता के लिए राष्ट्र स्तर पर अभियान की शुरुआत की
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बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क । नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट, जिसकी स्थापना वर्ष 1983 में स्वर्गीय सत पॉल मित्तल द्वारा की गई थी, ने लुधियाना में “सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड्स 2025” प्रदान किए। इस अवसर पर भारत सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया एवं छात्रवृत्तियों का वितरण किया। इस अवसर पर नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल भी उपस्थित रहे।

सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड्स 2025 के पाँच विशिष्ट पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को प्लैटिनम और गोल्ड श्रेणियों में कुल ₹20 लाख की नकद राशि तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

ट्रस्ट ने, 1991 से अब तक, विविध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों को ₹11 करोड़ से अधिक मूल्य की 28,000+ छात्रवृत्तियाँ प्रदान की हैं, जिनमें 76% लाभार्थी छात्राएं रही हैं। वर्तमान वर्ष में, ट्रस्ट लगभग ₹2 करोड़ की छात्रवृत्तियाँ 1,700 से अधिक विद्यार्थियों को वितरित करेगा। इसके अतिरिक्त, इंटर-कॉलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। इस वर्ष, ट्रस्ट ने सत्य छात्रवृत्ति कार्यक्रम की शुरुआत की, एक मेरिट-कम-मीन्स (योग्यता-सह-आर्थिक स्थिति आधारित) पहल, जिसके अंतर्गत योग्य छात्रों की वार्षिक पाठ्यक्रम फीस का 100% वहन किया जाएगा, ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें और भविष्य के नेतृत्वकर्ता बन सकें।

पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह केवल सम्मान का नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षा, सेवा और स्वदेशी सोच के योगदान का भी प्रतीक है।

नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कहा, “नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट में, हमारा विश्वास है कि समाज सेवा मात्र एक उदार कार्य नहीं है, यह वह बुनियाद है, जिस पर किसी राष्ट्र की सच्ची शक्ति निर्मित होती है। सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड्स इसी भावना का प्रतीक हैं, जो उन व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करते हैं जिनकी साहस, करुणा और निःस्वार्थ सेवा ने दूसरों के जीवन में स्थायी परिवर्तन की लहरें उत्पन्न की हैं। इस वर्ष सम्मानित किए गए सभी उदाहरण हमें यह याद दिलाते हैं कि सार्थक परिवर्तन सहानुभूति और समुदायों को साथ लेकर आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता से ही संभव है।

जिस तरह भारत विकसित भारत की दिशा में अपनी प्रगतिशील यात्रा जारी रखे हुए है, ट्रस्ट देश की शैक्षणिक और सामाजिक संरचना को सशक्त बनाने के अपने संकल्प पर दृढ़ है। इस वर्ष हमने सत्य स्कालरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की और अपनी छात्रवृत्ति पहलों के माध्यम से 1,700 से अधिक विद्यार्थियों को सहयोग प्रदान किया, ताकि प्रत्येक बच्चा अपनी परिस्थितियों से आगे बढ़कर सपने देख सके। ये नवोन्मेषी युवा मस्तिष्क और हमारे पुरस्कार प्राप्तकर्ता मिलकर उस राष्ट्र की भावना का प्रतीक हैं जो साथ मिलकर बढ़ता और नेतृत्व करता है। मैं इंटर-कॉलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेता को हार्दिक बधाई देता हूँ और सभी छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ताओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देता हूँ।

सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड्स 2025 के पुरस्कार विजेता

‘व्यक्तिगत’ श्रेणी में सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड 2025 (प्लैटिनम) प्रदान किया गया मुकताबेन पंकजकुमार डागली को:

गुजरात की प्रज्ञाचक्षु महिला सेवा कुंज की संस्थापक,मुकताबेन पंकजकुमार डागली ने अपने जीवन के संघर्ष और दृढ़ता की यात्रा को दृष्टिबाधित महिलाओं के सशक्तिकरण के मिशन में परिवर्तित किया। सात वर्ष की आयु में अपनी दृष्टि खो देने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और एक ऐसे संस्थान की स्थापना की, जो दृष्टिबाधित बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएँ और परिवहन की सुविधा प्रदान करता है। अहमदाबाद में 100 से अधिक दृष्टिबाधित छात्राओं को आवास और सहयोग मिलता है, जबकि मोरबी और उमरगाम में 300 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार और निःशुल्क आवास की सुविधा दी गई है। अब तक संस्थान के माध्यम से 250 दृष्टिबाधित दंपति होम साइंस प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन चुके हैं। श्रीमती डागली का कार्य आज भी गुजरात भर में दृष्टिबाधित समुदाय के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वतंत्र जीवनयापन के अवसर सृजित करने में निरंतर योगदान दे रहा है।

‘संस्थागत’ श्रेणी में सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड 2025 (प्लैटिनम) संयुक्त रूप से प्रदान किया गया ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी को:

देहरादून स्थित ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी संगठन समाज के कमजोर तबकों को जागरूकता और समावेशन के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए कार्यरत है। यह संस्था मासिक धर्म से जुड़ी सामाजिक रूढ़ियों और वर्जनाओं को दूर करने के लिए “ब्रेकिंग द ब्लडी टैबू” और “रेड क्लॉथ कैंपेन” जैसे अभियानों के माध्यम से सक्रिय रूप से काम कर रही है। अपने WASH (वॉटर, सैनिटेशन एंड हाइजीन) प्रोजेक्ट के तहत, संगठन ने भारत के 7 राज्यों में 45 लाख से अधिक महिलाओं तक पहुँच बनाते हुए उन्हें मासिक स्वच्छता के प्रति शिक्षित किया है और बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण दिया है। संगठन ने अब तक 1,500 से अधिक कार्यशालाएँ आयोजित की हैं, जिनमें ट्रांसजेंडर पुरुषों और इंडियन मिलिट्री एकेडमी जैसी संस्थाओं के लिए विशेष सत्र भी शामिल हैं। अपने सतत प्रयासों से ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी ने बड़े पैमाने पर सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक सशक्त आंदोलन खड़ा किया है।

‘संस्थागत’ श्रेणी में सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड 2025 (प्लैटिनम) संयुक्त रूप से प्रदान किया गया परीवार एजुकेशन सोसाइटी को:

कोलकाता स्थित परीवार एजुकेशन सोसाइटी कमजोर और वंचित बच्चों के जीवन को समग्र देखभाल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सशक्तिकरण कार्यक्रमों के माध्यम से रूपांतरित करने में अग्रणी संस्था है। बच्चों से आगे बढ़ते हुए, यह संस्था मोबाइल क्लीनिक, 24×7 एम्बुलेंस सेवाएँ और विज़न रिस्टोरेशन प्रोग्राम जैसी मानवीय पहलों के ज़रिए असहाय, वृद्ध और बेघर लोगों की भी सहायता करती है। अब तक परीवार एजुकेशन सोसाइटी ने देशभर के 900 से अधिक जनजातीय गाँवों में 80,000 से अधिक बच्चों को पूरक शिक्षा और पोषण प्रदान किया है, जबकि 4,000 से अधिक जरूरतमंद बच्चों को आवासीय विद्यालयों में शिक्षा दी जा रही है। संस्था ने अब तक 3.4 लाख एम्बुलेंस सेवाएँ, 7 लाख नेत्र जांचें और 78,000 से अधिक सर्जरी पूरी की हैं। अपने समर्पित प्रयासों के माध्यम से परीवार एजुकेशन सोसाइटी ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और गरिमापूर्ण जीवन के माध्यम से भारत के हाशिए पर रह रहे समुदायों के उत्थान में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

‘व्यक्तिगत’ श्रेणी में सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड 2025 (गोल्ड) प्रदान किया गया डॉ. किरण मोदी को:

नई दिल्ली की डॉ. किरण मोदी को बाल कल्याण और युवा सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। 1994 में स्थापित उदयन् केयर की संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी के रूप में, उन्होंने ऐसे बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन खड़ा किया है जिन्हें माता-पिता का स्नेह और देखभाल प्राप्त नहीं है। दिल्ली में एक छोटे से घर के रूप में आरंभ हुआ यह प्रयास आज 15 राज्यों में फैले एक विस्तृत नेटवर्क के रूप में विकसित हो चुका है। डॉ. मोदी ने उदयन् घर मॉडल की शुरुआत की, जो बच्चों को पारिवारिक माहौल, मेंटरशिप, भावनात्मक सहयोग और शिक्षा प्रदान करता है। उनकी पहल उदयन् शालिनी फेलोशिप के तहत अब तक 18,000 से अधिक लड़कियाँ सशक्त हुई हैं, जबकि स्किल और लाइवलीहुड सेंटर्स में 35,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। 1,200 से अधिक स्वयंसेवकों के सहयोग से, डॉ. मोदी के कार्यों ने अब तक 55,000 से अधिक जीवनों को सकारात्मक रूप से परिवर्तित किया है, जिससे भारत में बाल देखभाल, शिक्षा और युवा सशक्तिकरण के क्षेत्रों में स्थायी परिवर्तन संभव हुआ है।

‘संस्थागत’ श्रेणी में सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड 2025 (गोल्ड) प्रदान किया गया स्माइल ट्रेन इंडिया को:

नई दिल्ली स्थित स्माइल ट्रेन इंडिया ने एक समुदाय-आधारित मॉडल विकसित किया है, जो जन्म से होंठ या तालु में विकृति (cleft conditions) से पीड़ित बच्चों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप, पुनर्वास और समग्र देखभाल प्रदान करता है। पिछले 25 वर्षों में, संगठन ने देशभर में अपने 150 से अधिक साझेदार अस्पतालों के नेटवर्क के माध्यम से 1.5 लाख से अधिक क्लेफ्ट सर्जरी सफलतापूर्वक कराई हैं। इसके समग्र कार्यक्रम में सर्जरी, स्पीच थेरेपी, ऑर्थोडॉन्टिक उपचार और पोषण सहायता जैसी सेवाएँ शामिल हैं, जिनसे अब तक 7.5 लाख से अधिक व्यक्तियों को लाभ हुआ है। सिर्फ सर्जरी तक सीमित न रहते हुए, स्माइल ट्रेन इंडिया ने 1,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया है और 5 करोड़ से अधिक लोगों तक जागरूकता अभियानों के माध्यम से पहुँच बनाई है। अपनी समावेशी और सतत दृष्टि के माध्यम से, संगठन भारतभर में क्लेफ्ट से प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों के लिए मुस्कान, आत्मसम्मान और नए अवसरों को पुनर्स्थापित करने का प्रेरक कार्य निरंतर कर रहा है।

‘सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड्स, प्लैटिनम और गोल्ड, प्रतिवर्ष मानवता की उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट उन व्यक्तियों और संस्थानों से नामांकन आमंत्रित करता है जो स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, आवास, गरीबी उन्मूलन, कला, बाल अधिकार, दिव्यांगजन कल्याण तथा महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।

इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के पूर्व प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं – डॉ. वंदना गोपीकुमार,प्रशांत गाड़े, डॉ. ई. श्रीधरन, डॉ. एस. एस. बद्रीनाथ, एला आर. भट्ट, स्वर्गीय सुनील दत्त,अन्ना हजारे, अक्षय पात्र फाउंडेशन, गूंज, सलाम बालक ट्रस्ट, एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेस और स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट सहित कई अन्य।

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Author: BSNK NEWS

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