बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने हाल में ऋषभ इंस्ट्रमेंट्स लिमिटेड और इवान फाउंडेशन के साथ एक सहयोग करार (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत ऋषभ स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान एवं नवाचार केंद्र की स्थापना की जाएगी। सहयोग करार पर आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी और ऋषभ इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड और इवान फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नरेंद्र गोलिया ने हस्ताक्षर किए।
इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य आईआईटी जोधपुर के शिक्षकों और शोधकर्ताओं की ज्ञान संपदा का उपयोग कर मौलिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान की सुविधा प्रदान करना है। यह केंद्र पूरे देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों, प्रौद्योगिकी केंद्रों, स्टार्टअप्स और उद्योगों के साथ जुड़ने का प्रयास करेगा।
इस केंद्र का अनुसंधान और प्रौद्योगिकी रोडमैप उपयुक्त प्रोग्रामों के माध्यम से सहयोग के आधार पर अनुसंधान की सक्षमता बढ़ाएगा और भविष्य में अत्याधुनिक उपयोगों के लिए नई और अत्याधुनिक तकनीकों का विकास करेगा। यह केंद्र संबंधित उद्योगों के साथ जुड़ा रहेगा और आईआईटी जोधपुर में नवाचार के दमदार इकोसिस्टम का लाभ लेकर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उत्पादों का विकास करेगा।
ऋषभ स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान एवं नवाचार केंद्र के कुछ उद्देश्य:-
- स्वच्छ और हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के सुनिश्चित क्षेत्रों में स्टार्टअप्स और एमएसएमई को सहयोग देना
- स्वच्छ और हरित ऊर्जा के सुनिश्चित क्षेत्रों में मौलिक और व्यावहारिक अनुसंधान एवं नवाचार का संचालन और संवर्धन
- स्वच्छ और हरित ऊर्जा के सुनिश्चित क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देना
इवान फाउंडेशन ने इस केंद्र में आवश्यक बुनियादी ढांचा और विभिन्न अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए अगले 3-5 वर्षों में संस्थान को लगभग 70 करोड़ रुपयों की वित्तीय सहायता देने की प्रतिबद्धता की है।
आईआईटी जोधपुर के निदेशक डॉ. शांतनु चौधरी ने नरेंद्र गोलिया की खास पहल और समर्थन की सराहना की जिसके तहत आईआईटी जोधपुर में स्वच्छ ऊर्जा के व्यापक क्षेत्र में इनोवेशन का इकोसिस्टम बनेगा जो ऊर्जा स्थिरता की प्रौद्योगिकियों के साथ उत्पादन की सुविधा प्रदान करेगा।
सहयोग करार पर हस्ताक्षर के दौरान ऋषभ इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड और इवान फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नरेंद्र गोलिया ने कहा, ‘‘हम स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान और नवाचार केंद्र की स्थापना कर रहे हैं जिसकी घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। केंद्र का उद्देश्य नई टेक्नोलॉजी का विकास करना है जो भारत में ही नहीं अपितु पूरी दुनिया से स्वच्छ भविष्य देने का वादा करे। आईआईटी जोधपुर के रूप में हमें एक बहुत ही सक्षम भागीदार मिला है। हमारे उद्देश्य एक समान हैं। केंद्र अगले तीन वर्षों में आईआईटी जोधपुर परिसर में बन कर तैयार होगा और यहीं से संचालित होगा।
उन्होंने बताया, ‘‘आईआईटी जोधपुर के युवा और प्रतिबद्ध शिक्षक नए प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के विद्वानों के साथ काम करने के इच्छुक हैं जिनकी इस दुनिया में बड़ी मांग है। आज जिन देशों में पर्याप्त ऊर्जा है वे भी लागत और विश्वसनीयता के मानक पर प्रतिस्पर्धी नहीं हैं या फिर प्रदूषण और पारेषण और वितरण में क्षरण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
इसलिए शैक्षणिक संकाय यह भी सुनिश्चित करेगा कि जो टेक्नोलॉजी विकसित करे, अधिकतर व्यावसायिक उपयोग में आए और लाभदायक हो। ऐसी टेक्नोलॉजी को उपयुक्त उद्यमों में इस्तेमाल किया जाएगा ताकि आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं और शिक्षकों को उन्हें व्यावसायिक रूप से देने के लिए प्रोत्साहन मिले। हमें यकीन है कि आईआईटी जोधपुर और ऋषभ इंस्ट्रूमेंट्स के मार्गदर्शन में केंद्र अपने घोषित उद्देश्यों को पूरा करेगा और अन्य उद्योगों को ऐसे अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए प्रेरित भी करेगा।