आईआईटी पलक्कड़ टेक्नोलॉजी हब अक्षय ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्रों में नवाचार करने वाले स्टार्ट-अप और इनोवेटरों को 2 करोड़ रुपयों का देगा प्रोत्साहन

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बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून । आईआईटी पलक्कड़ टेक्नोलॉजी आईहब फाउंडेशन (आईपीटीआईएफ) अपनी सर्वप्रमुख राष्ट्रीय प्रतियोगिता समर्थ महा उत्सव (महोत्सव) के माध्यम से अक्षय ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्रों में नवाचार के प्रोत्साहन के लिए 2 करोड़ रुपयों की राशि प्रदान करेगा।

यह टेक हब अक्षय ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र में इनोवेटरों, उद्यमियों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करते हुए व्यापक व्यावसायीकरण योग्य व्यावहारिक प्रोटोटाइप और व्यवसाय योजना पेश करने वाली टीमों को वित्तीय सहायता देता है।समर्थ महाउत्सव का उद्देश्य ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देने की अहम् भूमिका निभाना है ताकि इन उद्योगों की कुछ बड़ी चुनौतियों को दूर करना आसान हो और फिर पूरी दुनिया में लोगों का व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन बेहतर और अधिक प्रगतिशील हो। विभिन्न टीम जो इनोवेशन प्रस्तुत करेंगी उनका आकलन व्यावसायिक व्यवहार्यता के अलावा कुछ विशेष मानकों पर किया जाएगा जैसे कि इनोवेशन, तकनीकी क्षमता, सामाजिक प्रभाव, व्यापक होने की क्षमता एवं संभावना आदि।

इस प्रतियोगिता में भारत के सभी इनोवेटर और स्टार्ट-अप भाग ले सकते हैं जिनके पास ऊर्जा या सुरक्षा क्षेत्र में वर्किंग प्रोटोटाइप है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2023 है। इच्छुक प्रतिभागी इस लिंक – www.tinyurl.com/Samarth-Maha-Utsav के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

आईपीटीआईएफ सेक्शन-8 कंपनी है जिसका गठन आईआईटी पलक्कड़ ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के 100 करोड़ रुपयों के सहयोग से किया है। यह टेक्नोलाॅजी आधारित स्टार्ट-अप और उद्यमियों को एक विश्वसनीय प्लैटफार्म प्रदान करती है।
आईआईटी पलक्कड़ टेक्नोलॉजी आईहब फाउंडेशन (आईपीटीआईएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री हरिलाल भास्कर ने इस तरह की प्रतियोगिताओं को अहम् बताते हुए कहा, “पूरी दुनिया में ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जैसे कि एनर्जी सिस्टम की क्षमता और विश्वसनीयता बढ़ाने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने की चुनौती और सार्वजनिक बुनियादी व्यवस्थाओं जैसे सड़क, रेल और बांध के सुरक्षा मानकों में सुधार करने की चुनौती। इन चुनौतियों को दूर करने और नवाचार बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों का पता लगाना और उनके विकास में सहयोग देना आवश्यक है।

हरिलाल भास्कर ने कहा, “आईपीटीआईएफ का लक्ष्य इन चुनौतियों के समाधान के लिए बेहतरीन इनोवेटरों और स्टार्ट-अप्स को आकर्षित कर उन्हें वित्तीय सहयोग और अन्य सहायता देना है ताकि वे अपने नए आइडियाज़ को सफल बनाएं। समर्थ महा उत्सव इस दिशा में एक बड़ी पहल है। आईपीटीआईएफ के समर्थ महा उत्सव में ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र से जुड़े मल्टीडिसिल्पिनरी सिस्टम डिजाइन के विभिन्न पहलुओं और इनोवेशन का कौशल बढ़ाने की परिकल्पना की गई है। इसका उद्देश्य इनोवेटिव और सस्टेनेबल साॅल्यूशन को सामने लाना और उन्हें बढ़ावा देते हुए भारत के सामने ऊर्जा और सुरक्षा की अहम् चुनौतियों को दूर करना है और साथ ही, भारत को दुनिया के अन्य देशों से आगे बढ़कर प्रौद्योगिकी समाधानों का ध्वजवाहक बनाना है।

प्रतियोगिता की प्रतिभागी टीमों से निम्नलिखित क्षेत्रों में समाधान विकसित करना अपेक्षित है:-
 ऊर्जा – पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित ऊर्जा समाधानों की खोज जो उपयोग में सुरक्षित, कम लागत पर अधिक व्यापक, अधिक सक्षम और अधिक गहनता से शक्ति/ऊर्जा का उत्पादन करे, अधिक विश्वसनीय हो और जिनका लाइफटाइम भी अधिक हो।

कुछ अपेक्षित समाधान:-
ऊर्जा स्टोर करने की टेक्नोलाॅज़ी जो स्वच्छ हो (जैसे लिथियम के बजाय आयरन/एल्युमिनियम बैटरी) और जो अक्षय ऊर्जा स्टोर करने में भी सक्षम हो (उदाहरण: पवन ऊर्जा से हाइड्रोजन का उत्पादन)।

  1. ऊर्जा उत्पादन की अधिक स्वच्छ प्रौद्योगिकियां (जैसे सौर ताप, पवन आदि) जो अधिक गहनता से शक्ति/ऊर्जा उत्पादन करे (परमाणु रिएक्टरों के समान) और उपयोग में सुरक्षित हो (जैसे परमाणु ऊर्जा का बेहतर भंडारण/उपयोग, बेहतर जलविद्युत योजना ताकि बाढ़ का जोखिम नहीं रहे)।
  2. ऊर्जा रूपांतरण की अधिक स्वच्छ प्रौद्योगिकियां जो मोटरों में रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग समाप्त कर दें। ऊर्जा परिवहन/वितरण की अधिक स्वच्छ प्रौद्योगिकियां (जैसे माइक्रो ग्रिड और स्थानीय अक्षय ऊर्जा, डिस्ट्रिब्यूटेड बिजली संयंत्र) और जो आसानी से उपलब्ध हो (जैसे हाइड्रोजन भी पेट्रोल की तरह भरना आसान हो और बैटरी की अदला-बदली में भी पेट्रोल भरने के समान समय लगे)।

 

 सुरक्षा
कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे कि व्यावहारिक सुरक्षा समाधान ढूंढ़ना जैसे कि प्रिडिक्टव इंटरवेंशन फाॅर सेफ्टी आॅन इनकंसिस्टेंट रोड्स विद हेटेरोजीनस ट्रैफिक (पीआई-एसआईआरएचटी); पूर्वानुमान से सड़क, रेल और पुलों की सुरक्षा, सड़कों नेटवर्कों में असंगतता के आधार पर विभाजन, आईआरएचटी पर वाहन और वीआरयू ट्रैकिंग आदि।

अपेक्षित साॅल्यूशन से निम्नलिखित समाधान प्राप्त हों:-

  1. असमान यातायात के लिए रियल टाइम दुर्घटना पूर्वानुमान मॉडल विकसित कर ड्राइविंग सिम्युलेटर के प्रयोगों, सरोगेट सुरक्षा उपायों, यातायात सिमुलेशन, ट्राजेक्टरी के पूर्वानुमान और पिछली दुर्घटनाओं के डेटा का उपयोग कर यातायात सुरक्षा मॉडल की संभावित उप-समस्याओं का समाधान करना। इसके अलावा यह सड़क नेटवर्क के विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करे जैसे सड़क की ज्यामिति का दूरस्थ अनुमान, सड़क नेटवर्क की विसंगतियों का आकलन, विभाजन और टक्कर का खतरा।
  2.  ट्रैफिक स्टेट सेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चरल स्टेट सेंसिंग, ड्राइवर स्टेट सेंसिंग, वाहन स्टेट सेंसिंग, ऑटोमोटिव सुरक्षा और विश्वसनीयता, फीडबैक कंट्रोल, सेंसरों और कंट्रोलरों की विश्वसनीयता और सुरक्षा, त्रुटि सहने में सक्षम डिजाइन और एक्युरेसी एवं ऊर्जा सक्षमता के लिए सेंसर डेटा फ्यूजन के माध्यम से सेंसरों और कंट्रोलों में संभावित उप-समस्याओं का समाधान।
  3. वाहन-से-वाहन संचार, वाहन-से-इन्फ्रास्ट्रक्चर संचार, सभी संचार एब्सट्रैक्शन स्तरों के लिए सुरक्षा समाधान और नेटवर्क और होस्ट इंट्रूजन डिटेक्शन और डिटेरेंट सिस्टम विकसित कर संचार में संभावित उप-समस्याओं का समाधान।
  4.  सॉफ्टवेयर की कमजोरी और साइबर सुरक्षा, पहचान, डेटा गोपनीयता और प्रमाणीकरण, बिग डेटा विश्लेषण और क्लाउड-आधारित समाधान और सीसीटीवी विश्लेषण के ऑटोमेशन के माध्यम से कंप्यूटिंग और सॉफ्टवेयर में संभावित उप-समस्याओं का समाधान।
  5. उपलब्धता, इक्विटी, गोपनीयता बढ़ा कर, सामाजिक लागत-लाभ विश्लेषण और क्रॉस-डोमेन पाॅलिसी डिजाइन कर नीति और योजना में संभावित उप-समस्याओं का समाधान।
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Author: BSNK NEWS

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