बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। आजकल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का काफी प्रचलन हो रहा है जिसका खास कारन है गवर्नमेंट द्वारा दी जाने वाली फेम सब्सिडी परन्तु कुछ निर्माता इस फेम स्कीम का पूरा दुरपयोग कर रहें हैं और जनता का पैसा अपने व्यापार बढ़ाने के काम में बखूबी ला रहे है।
फेडरेशन ऑफ स्मॉल इंडस्ट्रीज (एफएसआई) ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में संस्था द्वारा बेंगलुरु स्थित एथर एनर्जी पर फेम 2 योजना के अंतर्गत 368 करोड़ रुपये के कथित सब्सिडी धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
निजी जाँच में पाया गया कि एथर एनर्जी ने ‘ईवी चार्जर’ और ‘इंट्रीन्सिक एसेंशियल सॉफ्टवेयर’, जो वाहन के अभिन्न अंग हैं और इसके बिना वाहन को चलाना संभव नहीं है, को धूर्तता से अलग करते हुए डीएचआई द्वारा निर्धारित 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी पात्रता सीमा को दरकिनार करने में कामयाबी हासिल की, ताकि वे फेम सब्सिडी के लिए दावा कर सकें।
संस्था ने इस मामले को लेकर लिखा है कि हम दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों का बखूबी पालन कर रहे हैं। 8 मार्च, 2019 की राजपत्र अधिसूचना में, फेम 2 सब्सिडी को कई पात्रता मानदंडों को प्रकाशित किया गया। इसमें एक महत्वपूर्ण बिन्दू यह था कि किसी भी वाहन की ‘मैक्सिमम एक्स-फैक्ट्री प्राइस’ 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ताकि यह आम लोगों की पहुँच से बाहर न हो। इसके बाद, 11 जून, 2021 को फेम 2 संशोधन में भी सरकार द्वारा इसी मूल्य सीमा को बरकरार रखा गया था। लेकिन एथर एनर्जी ने स्पष्ट रूप से ‘ईवी चार्जर’ और ‘इंट्रीन्सिक एसेंशियल सॉफ्टवेयर’ को पृथक करते हुए, डीएचआई की 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी पात्रता सीमा को दरकिनार करने में कामयाबी हासिल की है।
इस मामले में, संस्था द्वारा एथर एनर्जी पर 300 करोड़ रुपये से भी अधिक के धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए, सरकार से जाँच की अपील की है। पत्र में माँग की गई है कि सरकार द्वारा कंपनी से उक्त राशि न केवल यथाशीघ्र वापस ले लेनी चाहिए, बल्कि एथर एनर्जी को फेम 2 सब्सिडी पोर्टल से भी निरस्त कर देनी चाहिए। क्योंकि, उन्होंने राजपत्रित अधिसूचना में परिभाषित पात्रता मानदंडों को पूरा करने में धोखाधड़ी की है।