बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क । एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए देहरादून स्थित आरजी हॉस्पिटल्स में एक 28 वर्षीय महिला में एंडोबैग मॉर्सेलेशन से कॉम्प्लेक्स लेप्रोस्कोपिक म्योमेक्टॉमी सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। सर्जरी के दौरान मेडिकल टीम ने 2.8 किलोग्राम वजनी 17 यूटरिन फाइब्रॉइड निकाले गए। महिला को इसकी वजह से बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। उनमें बहुत ज्यादा मासिक धर्म के दौरान ब्लीडिंग हो रही थी। उनके रोजमर्रा के काम इस वजह से बहुत बाधित हो रहे थे। महिला में इन्फर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती थी इसलिए इसका इलाज़ अतिशीघ्र बहुत जरूरी हो गया था।
सर्जरी जनरल एनेस्थीसिया के तहत हुई। सर्जरी का नेतृत्व गायनेकोलॉजी कंसलटेंट डॉ. तुषार अग्रवाल और एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर में एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. अक्षता सुतकट्टी ने किया। फाइब्रॉइड के आकार और संख्या को देखते हुए इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा सटीकता और समन्वय की आवश्यकता थी ताकि बहुत कम खून बहे और गर्भाशय और मरीज की प्रजनन क्षमता भी सुरक्षित रहे।

डॉ. तुषार अग्रवाल ने इस केस के बारे में बताते हुए कहा, “यह केस विशेष रूप से काफी चुनौतीपूर्ण था। क्योंकि फाइब्रॉइड की संख्या और आकार ज्यादा था। हमारा मुख्य फोकस महिला की प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखना था। मुझे मरीज की अच्छी रिकवरी देखकर बहुत खुशी है। यह सफलता हमारी सर्जिकल टीम की काबिलियत और समर्पण को दर्शाता है।”
मेडिकल टीम ने इस प्रक्रिया को बहुत कम खून की हानि के साथ संपन्न किया। इससे महिला का गर्भाशय और प्रजनन क्षमता सुरक्षित रहा।
डॉ. अक्षता सुतकट्टी ने इस केस के बारे में बताते हुए कहा, “इस तरह के केस में एनेस्थीसिया को मैनेज करने के लिए बहुत ज्यादा सटीक योजना और समन्वय की आवश्यकता होती है। मुझे खुशी है कि यह प्रक्रिया बहुत कम मुश्किलों के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई। मरीज अब पूरी तरह से रिकवर होने वाली हैं। इस तरह के केस एडवांस्ड पेशेंट केयर में हमारे समर्पण को और ज्यादा मजबूत बनाते हैं।”
सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी अच्छी रही और उन्हें स्थिर हालत में हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। ऑपरेशन के बाद की देखभाल के दौरान उनकी निगरानी जारी है और उसमें सुधार के सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं।
यह सफल सर्जरी आरजी हॉस्पिटल्स की मुश्किल स्त्री रोग से संबधी केसों को संभालने की काबिलियत और व्यापक महिला स्वास्थ्य देखभाल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यहां लक्षणों से राहत दी जाती है और प्रजनन स्वास्थ्य दोनों को सुरक्षित रखा जाता है।


