बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़,चमोली डेस्क । नारायणबगड़ ब्लॉक क्षेत्र के बमियाला गांव के बलिदानी नायक बिरेंद्र सिंह के देश के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान की स्मृति को चिरस्थाई रखने के लिए उनके परिजनों ने गांव में स्मारक बनाकर उनकी आदमकद मूर्ति स्थापित की है। नारायणबगड़ ब्लॉक के सबसे दूरस्थ गांव बमियाला में जन्मे बलिदानी बीरेंद्र सिंह अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई धीरेंद्र सिंह आईटीबीपी में सेवारत हैं।
पिता सुरेंद्र सिंह और माता डुमली देवी गांव में ही रहकर खेतीबाड़ी करते हैं। नायक बीरेंद्र सिंह 17 मार्च 2011 को 15 गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। और 21 दिसंबर 2023 में जम्मू कश्मीर के राजोरी पुंछ में दुश्मनों से लड़ते हुए वे वीरगति को प्राप्त थे। वर्तमान में उनकी वीरांगना पत्नी शशि देवी अपनी दो पुत्रियों इशतिका और आइशा के साथ देहरादून में रहती हैं। केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा बलिदानी परिवारों की दी जाने वाली सभी सहायताएं उन्हें मिल रही हैं।
उनके पिता सुरेंद्र सिंह की सरकार से सिर्फ एक ही मांग है कि उनके बलिदानी पुत्र बिरेन्द्र सिंह के नाम पर नारायणबगड़-झिझोंणी मोटर मार्ग के फरगलिया से बमियाला गांव तक मोटर मार्ग का निर्माण किया जाए। उनका कहना है कि उन्हें सरकार से और कुछ नहीं चाहिए। गांव के लिए एक सडक़ मार्ग बन जाए तो उनके गांव वालों की मुश्किलें कम हो सकती हैं।
गांव के गोपाल सिंह,पूर्व क्षेपंस मनोज सिंह, प्रधान प्रतिनिधि दलवीर सिंह,केशर सिंह आदि का कहना था कि गांव के लिए सडक़ की सबसे बड़ी समस्या है।बरसात के दिनों में उनका संपर्क आसपास के गांवों से कट जाता है।उन्होंने गांव में बने बलिदानी नायक बिरेन्द्र सिंह के स्मारक पर प्रवेश द्वार बनाए जाने की सरकार से मांग की है।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक


