बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़ चमोली। नारायणबगड़ के कड़ाकोट पट्टी सहित तल्ला बधाण के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला एक मात्र नारायणबगड़-परखाल-चोपता मोटर पुल किसी बड़े हादसे को खुला निमंत्रण दे रहा है।
नौकरशाह उत्तराखंड में कितने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने में मशगूल हैं किसी की शिकायतों पर अमल ही नहीं होता है। लोनिवि व पीएमजीएसवाई इन दोनों महकमों की बड़ी लापरवाही का आलम यह है कि पिछले दो-तीन सालों से नारायणबगड़-परखाल-चोपता मोटर पुल के एक छोर पर बड़ा सा गढ्ढा बना हुआ है जो कि पिंडर नदी के ऊपर बना हुआ है।
इस मोटर पुल से रोजाना सैकड़ों वाहनों के आवागमन के साथ ही विकास खंड मुख्यालय, नारायणबगड़ के दोनों बाजारों के लोगों,जीजीआईसी,जीआईसी, शिशु मंदिर,विद्या निकेतन व आदर्श प्राथमिक विद्यालय के छात्र छात्राओं का आवागमन भी होता है। इनमें सबसे बड़ा स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चों के लिए यहां पर बना बड़ा सा गढ्ढा कभी भी मुश्किल पैदा कर सकता है। क्योंकि छोटे बच्चे हमेशा खेलते और दौड़ते हुए कभी भी इस गढ्ढे के चपेट में आ सकते हैं।
यही नहीं यहां पर बहुत बार मोटरबाइक,और स्कूटियां गढ्ढे के कारण रपट चुके हैं। इसके अलावा रात के अंधेरे में कोई भी यहां से गुजरते समय इस बड़े गड्ढे में अपनी टांग तुडवा सकते हैं। स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग में इसकी कई बार शिकायत दर्ज कर गढ्ढे को ठीक करने की गुहार लगाई है परंतु लगता है लोनिवि किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
अब आसानी से समझा जा सकता है कि लापरवाह अफसरशाही और जनता की शिकायतों की किस तरह पहाड़ों में अनदेखी किए जाते हैं। कनिष्ठ उप प्रमुख देवेंद्र सिंह नेगी,विद्या निकेतन के अध्यापक दर्शन सिंह रावत, सामाजिक कार्यकर्ता बृजमोहन सिंह बुटोला आदि ने कहा कि आजकल भी इस मोटर मार्ग पर पीएमजीएसवाई के आधीन सुधारीकरण व डामरीकरण का पुनर्निर्माण कार्य किया गया,परन्तु उन्होंने भी बाजार के बीचों-बीच इस मोटर पुल के गढ्ढे को पाटने या सही करने की जहमत नहीं उठाई। इससे तो यही लगता है कि हर तरफ यहां लापरवाही का खामियाजा आखिरकार जनता को ही भुगतना होगा।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा ,स्थानीय संपादक
