बीएसएनके न्यूज डेस्क/अंतरराष्ट्रीय :- उत्तर कोरिया ने रविवार को समुद्र की ओर बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जो इस साल का पहला मिसाइल प्रक्षेपण बताया जा रहा है। इसका मकसद नए मल्टी-स्टेज, हाई-थ्रस्ट सॉलिड-फ्यूल इंजन और इंटरमीडिएट-रेंज हाइपरसोनिक की विश्वसनीयता का परीक्षण करना था।
उत्तर कोरिया लगातार अपने हथियारों के बेड़े को मजबूत करता जा रहा है। अब उसने एक हाइपरसोनिक वारहेड ले जाने वाली मध्यम दूरी की ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) का सफल परीक्षण किया है। बताया जा रहा है इस मिसाइल को अमेरिका के दूरस्थ ठिकानों पर हमला करने के लिए तैयार किया गया है।
गौरतलब है, एक दिन पहले ही दक्षिण कोरिया और जापान की सेना ने इस बात की जानकारी दी थी कि उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से एक मिसाइल दागी गई है, जो इस साल का पहला मिसाइल प्रक्षेपण है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइल रविवार दोपहर छोड़ी गई। इसका मकसद नए मल्टी-स्टेज, हाई-थ्रस्ट सॉलिड-फ्यूल इंजन और इंटरमीडिएट-रेंज हाइपरसोनिक की विश्वसनीयता का परीक्षण करना था। बताया जा रहा ये मिसाइल कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में जाकर गिरी।
पड़ोसी देश की सुरक्षा नहीं हुई प्रभावित
मिसाइल जनरल ब्यूरो का कहना है कि यह परीक्षण शक्तिशाली हथियार प्रणाली विकसित करने की नियमित गतिविधियों के तहत किया गया। वहीं, उत्तर कोरिया ने यह भी एलान किया कि इस परीक्षण से किसी भी पड़ोसी देश की सुरक्षा प्रभावित नहीं हुई और इसका क्षेत्रीय स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है।
दक्षिण कोरिया की सेना ने रविवार को कहा था कि उत्तर कोरिया ने इंटरमीडिएट रेंज की एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जो 1000 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र में गिर गई। सेना को प्योंगयांग या उसके आसपास के इलाके में दोपहर करीब दो बजकर 55 मिनट (स्थानीय समयानुसार) पर प्रक्षेपण का पता चला था। वहीं दक्षिण कोरिया ने धमकी दी है कि अगर उत्तर कोरिया इसी तरह परीक्षण करता रहा तो कोरियाई प्रायद्वीप में कभी भी युद्ध के बादल मंडरा सकते हैं।
पहले से ही था अंदेशा
18 दिसंबर को ठोस ईंधन वाली ह्वासोंग-18 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद से उत्तर कोरिया का यह पहला मिसाइल प्रक्षेपण है। पिछले हफ्ते, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री शिन वोन-सिक ने कहा था कि उत्तर कोरिया इस महीने की शुरुआत में एक नए प्रकार के आईआरबीएम का परीक्षण कर सकता है।