बीएसएनके न्यूज डेस्क। यूजेवीएन लिमिटेड में परियोजनाओं और विधुत गृहों में बीमा के बारे में जागरूकता लाने के लिए मार्श इंडिया लिमिटेड के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जल विधुत परियोजनाओं एवं विधुत गृहों में जोखिम प्रबंधन पर विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल द्वारा किया गया। अपने संबोधन में संदीप सिंघल ने कहा कि आपदा एवं दुर्घटनाएं कभी भी और कहीं भी आ सकती हैं। हालांकि इससे बचाव का सर्वोत्तम उपाय तो सावधानी बरतना है किंतु प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में हो गई क्षति की भरपाई सबसे बेहतर ढंग से परियोजनाओं और विधुत गृहों के समग्र रूप से बीमा द्वारा की जा सकती है।
सिंघल ने कहा कि उत्तराखंड में अधिकतर जल विधुत परियोजनाएं दुर्गम और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थित है तथा ऐसे स्थानों में प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम भी अधिक होता है। साथ ही विधुत उत्पादन से संबंधित मशीनों एवं उपकरणों की बहुतायत होने के कारण इन में दुर्घटनाओं का खतरा भी हमेशा बना रहता है। अतः जोखिमों की पहचान और उनसे समुचित रूप से निबटने के लिए जोखिम प्रबंधन आवश्यक है। संदीप सिंघल ने कहा कि जोखिम प्रबंधन के अंतर्गत उचित उपायों द्वारा हम आपदाओं और दुर्घटनाओं से हानि को कम कर सकते हैं।
कार्यशाला में मार्श इंडिया के ऊर्जा एवं इन्फ्रा अध्यक्ष अनुज प्रताप सिंह ने जोखिम प्रबंधन और बीमा के महत्व पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ऊर्जा गतिविधियां गौतम पंत ने साइबर जोखिम और पर्यावरण प्रदूषण दायित्व पर व्याख्यान दिया। साथ ही आपदा या दुर्घटना में उत्पादन हानि की क्षतिपूर्ति हेतु बीमा प्राविधानों के बारे में भी बताया।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष निर्माण गतिविधियां अभिषेक शंकर ने निगम की लखवाड़ व्यासी परियोजना के परिप्रेक्ष्य में स्वनियंत्रित बीमा कार्यक्रम (Owner’s Controlled Insurance Program) के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यकारी उपाध्यक्ष ऊर्जा जोखिम संदीप पुगलिया ने जल विद्युत परियोजनाओं के संचालन जोखिमों तथा उससे जुड़ी विभिन्न हानियों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में यूजेवीएन लिमिटेड के निदेशक परिचिलन पुरूषोत्तम सिंह, निदेशक परियोजनाऐं सुरेश चन्द्र बलूनी, निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी,अधिशासी निदेशक राजेन्द्र सिंह सहित निगम के अन्य अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।