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भर्ती परीक्षाओं में धांधली की जांच सीबीआई को देने की जनहित याचिका,राज्य सरकार से जवाब तलब

PIL to hand over investigation of rigging in recruitment examinations to CBI, response from state government sought
PIL to hand over investigation of rigging in recruitment examinations to CBI, response from state government sought

 

बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षाओं में धांधली होने और सहकारी बैंकों में नौकरियों में अनियमितता को लेकर तल्ख तेवर अपनाए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिये हैं कि वह बताएं कि धांधलियों के संबंध में अब तक क्या कार्रवाई की गयी है। राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देना होगा।

हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में 16 मार्च को जो हलफनामा दिया था वह नाकाफी है। हाईकोर्ट आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। एडवोकेट नेगी ने जनहित याचिका में कहा है कि भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआई को दी जाएं।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच इस जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि सरकार भर्ती प्रकरण में मुख्य अभियुक्तों को बचा रही है। यह एक गंभीर मामला है और भर्ती परीक्षा के तार कई राज्यों से जुड़े हुए हैं। याचिकाकर्ता के मुताबिक एसटीएफ की जांच का एक सीमित दायरा है। और एसटीएफ अब तक असल मुजरिमों को पकड़ने में नाकाम रही है। ऐसे में यह मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने पुलिस द्वारा बेरोजगार युवाओं पर पुलिस लाठीचार्ज को भी धांधलियों को दबाने का एक प्रयास बताया है।

गौरतलब है कि यूकेएसएसएससी की वीपीडीओ, पुलिस, वन आरक्षी, एईजेई समेत लगभग आधा दर्जन भर्ती परीक्षाओं में धांधली होने से इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने 80 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि असल गुनाहगार अब भी पकड़ से दूर हैं। इसलिए मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 11 दिसम्बर को होगी।