नारायणबगड़ क्षेत्र में बारिश का कहर सड़कों,पैदल रास्तों, आवासीय भवनों, गौशालाओं और खेत-खलिहानों को बडा नुकसान

नारायणबगड़ क्षेत्र में बारिश का कहर सड़कों,पैदल रास्तों, आवासीय भवनों, गौशालाओं और खेत-खलिहानों को बडा नुकसान
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बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़,चमोली डेस्क । पहाड़ो पर लगातार हो रही बारिश ने इन दिनों प्रखंड क्षेत्र में जगह-जगह कहर बरपाया हुआ है। बहुत सारे गांवों में लोगों के आवासीय भवनों,गौशालाओं और खेत-खलिहानों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचा है। जगह-जगह भूस्खलन और सड़कें,पैदल रास्तों के बंद होने के कारण भी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अधिकांश क्षेत्रों में रास्ते और सड़कों के बंद होने के चलते प्रशासन के कर्मियों को भी स्थलीय निरीक्षण करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

शनिवार रात हुई मूसलाधार बारिश के चलते बस स्टैंड के पास भू-धंसाव होने से तीन दुकानें ध्वस्त हो गई। जबकि तीन अन्य दुकानों के खतरे की जद में आ जाने के कारण उन्हें खाली किया जा रहा है। भू-धंसाव से बस स्टैंड के समीप हाईवे का 100 मीटर हिस्सा जगह-जगह धंसने लगा है। भू-धंसाव से नष्ट हुई तीन दुकानें जयवीर सिंह कण्डारी,मदनसिंह और शांता प्रसाद की हैं। पप्पू नेगी और बलवीर लाल की दो दुकानें खतरे की जद में आते देख उन्हे खाली किया जा रहा है। बारिश के चलते क्षेत्र के कई सड़क मार्ग बंद हो गए थे।जिन्हें खोलने के प्रयास जारी हैं।

कांडा ग्वाड़ में ध्वस्त गौशाला तथा आवासीय भवन
कांडा ग्वाड़ में ध्वस्त गौशाला तथा आवासीय भवन

वहीं नारायणबगड़ के ही काण्डा ग्वाड गांव में दयालसिंह तडाकी और नंदन सिंह की आवासीय भवन और गौशालाएं भूस्खलन की जद में आकर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। दयालसिंह की एक दुधाऊ गाय इसकी चपेट में आकर बुरी तरह घायल बताई गई है।तो वहीं इसी गांव के विजय सिंह की मकान के गिरने की संभावना से भगतसिंह की मकान दबने की आशंका बनी हुई है। जबकि भूपेंद्र सिंह,जयवीर सिंह, रघुवीर सिंह की मकानों, गौशाला और खेत-खलिहानों को भूस्खलन ने गहरी चपेट में लिया है।

राजस्व उपनिरीक्षक जयवीर सिंह बिष्ट एवं विजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा कांडा ग्वाड़,असेड,देवार,धुलेट और सिलकोटी गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर लिया गया है और बताया कि देवार और धुलेट गांव में आवासीय भवनों के समीप भू-धंसाव हो रहा है जिनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

ब्लाक के अंतर्गत गडकोट गांव के निचले हिस्से में सन् 2013 से शुरू हुआ भूस्खलन ने अब बड़े भू-भाग को अपनी चपेट में लेकर गांव में लोगों के मकानों और गौशालाओं में बड़ी-बड़ी दरारें पैदा कर दी है जिससे गडकोट के ग्रामीणों को मुश्किल में डाल दिया है। रविवार को ब्लाक प्रमुख गणेश चंदोला और जिला पंचायत सदस्य प्रदीप बुटोला ने तहसील प्रशासन के साथ गडकोट गांव में भूस्खलन से उपजे खतरे का जायजा लिया।

ग्राम प्रधान धीरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि गांव के नीचे से काफी समय से लगभग एक किलोमीटर की क्षेत्र फल में भूंधंसाव की स्थिति बनी हुई है।जो अब गांव की दहलीज तक आ पहुंचा है और गांव पर पूरी तरह खतरा मंडरा रहा है। तहसीलदार दिगंबर सिंह नेगी ने बताया कि गांव में स्थलीय निरीक्षण करने के बाद प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है कहा कि गांव के नीचे से हो रहे भू-धंसाव की भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट तैयार कर भेजी जाएगी।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा स्थानीय सम्पादक

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Author: BSNK NEWS

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