बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क । जेनेराली सेंट्रल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (जीसीआई) ने एक अग्रगामी कदम उठाते हुए ब्रांड बदलाव को पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव के साथ एकजुट करने का काम किया है। गौर तलब है कि जीसीआई जेनेराली ग्रुप और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बीच हाल ही में हुआ एक संयुक्त उपक्रम है, इसे पहले फ्यूचर जेनेराली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के रूप में जाना जाता था। कंपनी ने ’रिब्रांड विद परपज़’ लांच किया है, यह अपनी किस्म का एक पहला कदम है जो लैगेसी ब्रांडेड मैटेरियल को वंचित बच्चों लिए ऐजुकेशनल किट्स में बदलता है।
सस्टेनेबिलिटी आधारित इस रीब्रांडिंग अभियान के तहत जीसीआई ने पुरानी स्टेशनरी, ब्रांड कोलेटरल, साइनेज, कागज़ और अपनी पुरानी ब्रांड पहचान वाली अन्य ब्रांडेड सामग्रियों को विचारपूर्वक तैयार की गई 1,000 ऐजुकेशनल किट्स में बदल दिया है। इनमें नोटबुक, पेंसिल सैट और शिक्षण उपकरण शामिल हैं, जिन्हें अब मुंबई भर के वंचित समुदायों के बच्चों को वितरित किया जा रहा है।
इस पहल पर जेनेराली सेंट्रल इंश्योरेंस की चीफ मार्केटिंग, कस्टमर एवं इम्पैक्ट ऑफिसर रुचिका मल्हन वर्मा ने कहा: ’’जीसीआई में हम सस्टेनेबिलिटी को महज़ औपचारिकता नहीं मानते बल्कि यह हमारे लिए एक ऐसा विषय है जिसे हम अपनी संस्कृति, अपनी रणनीति और अपने दैनिक कार्यों में गहराई से शामिल करते हैं।
एक ज़िम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में, हमारा मानना है कि सार्थक परिवर्तन केवल हमारी बातों में ही नहीं, बल्कि हमारे दैनिक कार्यों में भी झलकना चाहिए। विरासत को प्रभाव में बदलने का हमारा तरीका हैः उद्देश्यपूर्ण रीब्रांडिंग; हम अपने अतीत को नया उद्देश्य देते हैं ताकि समुदायों का उत्थान हो और ज्यादा सस्टेनेबल भविष्य को आकार दिया जा सके।’’
ऐन्वायर्नमेंट सेवा नामक एनजीओ के साथ साझेदारी में, जीसीआई ने पुरानी ब्रांडेड सामग्रियों को 1,000 शैक्षिक किटों में अपसाइकल और रीसायकल किया है। ये किट्स चेम्बूर के एक स्कूल में वंचित बच्चों को जेनेराली सेंट्रल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ अनुप राऊ और संगठन के अन्य प्रमुखों द्वारा वितरित की गईं। यह पहल जीसीआई की स्थिरता और सामाजिक प्रभाव के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो कॉर्पोरेट कचरे को युवा शिक्षार्थियों के लिए सार्थक संसाधनों में बदल देती है।
