बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। देवभूमि जल शक्ति कॉन्टैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आज त्यागी रोड स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को मुख्य रूप से संस्था के अध्यक्ष अमित अग्रवाल एवं वरिष्ठ पदाधिकारीयों ने संयुक्त रूप से संबोधित किया एवं अपनी बात रखी। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में जल जीवन मिशन के अंतर्गत “हर घर जल हर घर नल” योजना के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में राज्य के ठेकेदारों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। अब तक लगभग 70% कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा शेष 30% योजनाओं में से लगभग 25% कार्य 95-98% तक पूर्ण कर दिए गए हैं।
इसके बावजूद भी, राज्य एवं केंद्र स्तर पर धन आवंटन (फंड रिलीज) रोके जाने के कारण ठेकेदारों को अनुचित रूप से “दोषी” ठहराया जा रहा है। जबकि सभी कार्य जल निगम एवं संस्थान अधिकारियों एवं थर्ड पार्टी एजेंसियों की निगरानी में उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए गए हैं।
वर्तमान में स्थिति अत्यंत गंभीर है-
- रखरखाव अवधि पूर्ण हो जाने के बावजूद सिक्योरिटी राशि रिलीज नहीं की जा रही है,
 - ठेकेदारों पर योजनाओं को जारी रखने का अनुचित दबाव डाला जा रहा है,
 - मापन कार्यों (Measurement) को रोका गया है, जिससे भुगतान प्रक्रिया बाधित हो रही है,
 - विभाग की कई शाखाओं द्वारा लगातार ठेकेदारों पर दबाव बनाया जा रहा है कि शीघ्र कार्य पूर्ण करें, अन्यथा अनुबंध निरस्त कर सिक्योरिटी जब्त कर ली जाएगी तथा काली सूची में डाल दी जाएगी।
 - इन परिस्थितियों से ठेकेदारों को न केवल आर्थिक उत्पीड़न** बल्कि मानसिक उत्पीड़न** का भी सामना करना पड़ रहा है।
 
देवभूमि जल शक्ति कॉन्ट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तराखंड, इस पूरे प्रकरण में निम्नलिखित मांगें रखती हैः-
1. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी स्वयं इस विषय का संज्ञान लें।
2. जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट “जल जीवन मिशन” के अंतर्गत उत्तराखंड में गुणवत्तापूर्ण कार्य किए गए हैं, उन्हें शीघ्र सम्मान देते हुए ठेकेदारों के सभी लंबित भुगतान एक सप्ताह के भीतर जारी करवाए जाएं।
3. संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि सभी ठेकेदारों की भुगतान प्रक्रिया (Billing, Measurement, Security Release) को तुरंत पूर्ण किया जाए।
4. थर्ड पार्टी के नाम पर या टेस्टिंग इत्यादि में अनुचित रूप से रोकी गई धनराशि को शीघ्र जारी किया जाए। क्योंकि थर्ड पार्टी समय से कोई भी रिपोर्ट नहीं देती, जिससे ठेकेदारों की सिक्योरिटी रिलीज नहीं होती है।
यदि ठेकेदारों की मांगों का समाधान एक सप्ताह के भीतर नहीं किया गया, तो ठेकेदार पूरी तरह से कार्यबंदी ( Work Stop), पूर्तियाँ रोकने और चल रही योजनाओं में जल आपूर्ति (Water Supply) को अस्थायी रूप से रोकने के लिए विवश होंगे। इससे उत्तराखंड राज्य की छवि (Image) को राष्ट्रीय स्तर पर गहरी क्षति (इमिलता) पहुँच सकती है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
एसोसिएशन का कहना है कि राज्य के ठेकेदारों ने प्रधानमंत्री जी के जल जीवन मिशन को उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के अनुरूप पूर्ण करने में अपनी पूरी क्षमता से योगदान दिया है। अब यह आवश्यक है कि उत्तराखंड राज्य प्रधानमंत्री जी के इस मिशन को सफलतापूर्वक पूर्ण करने में प्रथम स्थान प्राप्त करे।
एसोसिएशन की अपील है कि ठेकेदारों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए तत्काल धनराशि आवंटित कर उन्हें राहत प्रदान की जाए, जिससे ठेकेदार परिवारों के लगभग 400 से अधिक परिवारों की आजीविका सुरक्षित रह सके और राज्य का विकास कार्य निरंतर जारी रहे। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रति हमारे प्रोजेक्ट के लगभग 1200 करोड़ रुपया बकाया है अगर उसका भुगतान जल्द से जल्द नहीं किया गया तो हम अब पानी बंद करने के लिए बाध्य होंगे और विभागीय मुख्यालय पर मजदूरों के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन करेंगे।
देवभूमि जल शक्ति कॉन्ट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन कि ओर से प्रेस वार्ता में अध्यक्षःअमित अग्रवाल, उपाध्यक्षः सचिन मित्तल, महासचिवः सुनील गुप्ता , अंकित सालार, सौरव गोयल, गौरव गोयल, मुकुंद उपाध्याय, यशपाल चौहान, सकलानंद लखेड़ा, जे पी अग्रवाल, अमित कुमार, महेश कुमार, इंतजार त्यागी, गुरु कॉन्ट्रैक्टर एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।
								
								
															

