बीएसएनके न्यूज डेस्क / पंतनगर। टाटा मोटर्स ने उत्तराखंड के पंतनगर स्थित अपनी फैक्ट्री में 7मेगावाट के कैप्टिव सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए टाटा पावर के साथ एक पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया है। कंपनी स्थायी उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में टाटा ग्रुप की प्रतिबद्धता को मजबूत कर रही है। इस इंस्टॉलेशन से कुल मिलाकर 215 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है, जिससे कार्बन का 1.7 लाख टन से ज्यादा उत्सर्जन कम होने की संभावना बनेगी। यह जीवनकाल में सागौन (टीक) के 2.72 लाख से ज्यादा पेड़ लगाने के बराबर है।
टाटा मोटर्स की पंतनगर फैक्ट्री के प्लांट हेड अनल विजय सिंह ने कहा, “हमारे पंतनगर प्लांट ने कई पुरस्कार जीते हैं और इसे हमेशा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के अपने प्रयासों के लिये तारीफ मिली है, ताकि नेट-ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इस फैक्ट्री को उद्योग द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लंबे और सफल उपायों के लिये सराहा गया है। इस अनुबंध के साथ, हम एक ज्यादा स्वच्छ और हरियाली से भरपूर भविष्य की अपनी यात्रा को मजबूत करेंगे।
इस घोषणा पर अपनी बात रखते हुए, टाटा पावर में सोलर रूफटॉप बिजनेस के चीफ शिवराम बिक्किना ने कहा,“हम लंबे समय तक प्रदूषण से रहित ऊर्जा के लिये टाटा मोटर्स के आदेश को पूरा करने हेतु उनके साथ भागीदारी करते हुए खुश हैं। हम खासतौर से पंतनगर प्लांट का हिस्सा बनकर खुश हैं, जोकि देश के सबसे सफल वाणिज्यिक वाहनों में से एक टाटा ऐस का निर्माण करता है। हमें आने वाले सालों में अपना सहयोग बढ़ाने की उम्मीद है ताकि टाटा मोटर्स को इस तरह के और भी प्रदूषण-रहित ऊर्जा वाले समाधान प्रदान किये जा सकें और टाटा मोटर्स नेट-ज़ीरो भविष्य के लिये कार्बन फुटप्रिंट कम करने के हमारे ग्रुप के बड़े आदेश को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बने।
टाटा पावर भारत में टाटा मोटर्स के कुछ प्लांट्स में सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट्स इंस्टॉल करने के लिये उसके साथ मिलकर काम कर रही है। यह प्रोजेक्ट्स इन फैक्ट्रियों का मजबूत और अनुकूल भविष्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। टाटा पावर ने अब तक पुणे, पंतनगर, जमशेदपुर और धारवाड़ में टाटा मोटर्स के पीवी और सीवी प्लांट्स में कुल मिलाकर 45 मेगावाट के सोलर रूफटॉप इंस्टॉल किये हैं।
आरई100 के एक हस्ताक्षरकर्ता के तौर पर टाटा मोटर्स अपने परिचालन में 100 प्रतिशत नवीकरण योग्य ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिये प्रतिबद्ध है और कंपनी ने अपने परिचालन में इस्तेमाल होने वाली नवीकरण योग्य ऊर्जा का अनुपात धीरे-धीरे बढ़ाकर इस उद्देश्य की दिशा में कई कदम बढ़ाए हैं। कंपनी 2030 तक 100% नवीकरण योग्य ऊर्जा लेने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिये ज्यादा सख्ती से नवीकरण योग्य ऊर्जा प्राप्त करने की योजना भी बना रही है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 में भारत में अपनी सभी फैक्ट्रियों में विनिर्माण परिचालनों के लिये 92.39 मिलियन केडब्ल्यूएच नवीकरण योग्य बिजली का उत्पादन किया, जोकि उसकी कुल बिजली की खपत का 19.4% है। यह 72,992 मेट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड से बचने और 27.37 करोड़ रूपये की बचत के बराबर है।