बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़,चमोली डेस्क ।
विकास खण्ड मुख्यालय से सटा हुआ केवर तल्ला गांव और नारायणबगड़ बस स्टैंड बाजार वाला पूरा क्षेत्र वर्षों से भूस्खलन की जद में हैं। जो हर बरसात में भूधंंसाव के चलते पिंडर नदी में समाता जा रहा है। यहीं से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग-अल्मोडा- धारचूला राष्टीय राजमार्ग भी गुजरता है । इस स्लाइड जोन का स्थाई ट्रीटमेंट न होने से ये हाईवे के लिए नासूर बन गया है।
नारायणबगड़ बाजार के ठीक ऊपर केवर तल्ला गांव स्थित है। जोकि 2013 की आपदा से लगातार भूधंंसाव की चपेट में आ रहा है। गांव के लोगों की मकानें भूस्खलन की जद में आकर नीचे नाले की ओर खिसकते जा रहे हैं। इसकी वजह से यहां के लोग शासन प्रशासन से उन्हें कहीं सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने की मांग करते आ रहे हैं।
इस बार की बारिश ने जो कहर बरपाया है, उसने फिर से लोगों को दहशत में डाल दिया है। गांव के लोगों की मकानों में पड़ी दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं, जिससे वे कभी भी धवस्त हो सकती हैं। गांव की संजय कुमार की पत्नी फुनी देवी ने कहा कि उनके पति का हार्ट सर्जरी हुई है और उनके ससुर जी बीमारी से ग्रस्त हैं तथा उनके दो छोटे बच्चे हैं। उन्होंने चिंतित होते हुए अश्रु पूरित स्वर में कहा कि अगर बारिश में उनकी मकान को कभी कोई छति हो गई तो वह अकेले इन सबको कैसे संभाल पाएगी। उन्होंने सरकार से जल्दी ही उनको कहीं स्थाई विस्थापन करने की गुहार लगाई है।
उपजिलाधिकारी के निर्देश पर तहसील प्रशासन ने प्रभावित परिवारों में जगदीश लाल, सुनील कुमार,खेमाराम,संजय कुमार, पार सिंह और धनी राम को उनके असुरक्षित हो चुके मकानों से फिलहाल अस्थाई तौर पर जीआईसी के भवनों में शिफ्ट कर दिया है।और उन्हें रसद आदि सामग्रियां उपलब्ध कराई गई हैं। इन लोगों की सरकार से एक ही मांग है कि वे लोग भूमिहीन हैं और उनको किसी सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जाए।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा ,स्थानीय संपादक
