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धार्मिक,साहसिक और मनोहारी पर्यटन स्थलों के दीदार करने बड़ी संख्या में वाण गांव पहुंच रहे हैं सैलानी

बीएसएनके न्यूज / चमोली डेस्क । जनपद चमोली के मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर विश्व प्रसिद्ध स्थल लाटू धाम वांण एवं उच्च हिमालयी क्षेत्रों के अनेकों पर्यटक स्थलों के दीदार करने के लिए सैलानियों की बड़ी तादाद से वांण गांव सहित पूरी पिंडर घाटी में रौनक है।

चलिए आपको रूबरू कराते हैं वांण गांव से जहां साल भर लाटू देवता धाम के दर्शनों को आने के साथ साथ विश्व प्रसिद्ध उच्च हिमालयी क्षेत्रों के मनोरम पर्यटक स्थलों के दीदार करने के लिए देश और दुनिया के सैलानियों का तांता लगा रहता है।

यहां के बेरोजगार युवा यहां पहुंचे पर्यटकों के लिए तमाम सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए ट्रैकिंग व गाइडिंग कराने एवं मनमोहक पहाड़ों की सैर कराने जैसे विश्व प्रसिद्ध ट्रैक रुपकुण्ड/आली बुग्याल/ बैदनी कुण्ड /मोनाल टोप/ब्रह्म ताल/बगजी बुग्याल/एवं तमाम हिमालयी क्षेत्रो का भ्रमण कराते हैं। और अपने लोकल कल्चर से भी रुबरू कराते हैं जैसे इसमें लोकल नृत्य,लोकल खान-पान,लोकल रहन-सहन से परिचित कराते हैं जिससे सैलानी प्रफुल्लित होते हैं।

हमारे संवाददाता ने वांण गांव के ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर वहां के उत्साही नौजवान हीरा सिंह गढ़वाली से मुलाकात की जिनसे मिलकर जानकारी मिली की उनका खुद का बिष्ट होमस्टे के नाम से तीन होमस्टे संचालित हो रहे हैं है जहां उन्होंने बताया कि वह पिछले कई सालों से पर्यटकों को यहां के खूबसूरत विभिन्न पर्यटक स्थलों की सैर करा रहें हैं और बताया कि उतराखणड पर्यटन मंत्रालय के माध्यम से उनके गांव में उन्होंने सरकारी सहायता लेते हुए होम स्टे का निर्माण किया है जहां साल भर क्षेत्र,देश व दुनियां से उनके जाननें वाले पर्यटकों की हर रोज आमद होती है जिनका वे अपने स्थानीय रिति-रिवाजों परंपराओं एवं लोकल जैविक उत्पादों के खान पान को परोसते हुए आथित्य सत्कार करते हैं।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से यहां हर मौसम में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है उसको देखते हुए यहां के बेरोजगार युवाओं के लिए पर्यटन एवं होम स्टे आदि के लिए रोजगार की सिद्दत से और आवश्यकता है। यहां के स्थानीय लोगों एवं जनप्रतिनिधियों ने कहा कि क्षेत्र के उत्साही एवं बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार की तरफ से हर सम्भव रोजगार उपलब्ध कराते हुए पर्यटन और पलायन को रोकने के प्रयास करने वाले युवाओं को पुरस्कृत करने की भी आवश्यकता है ताकि उनका मनोबल ऊंचा हो और वे दुगने उत्साह से पर्यटन के क्षेत्र में जुड़कर अपनी और स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूती से आगे बढा पाएं।

रिपोर्ट- सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक