Home उत्तराखण्ड तुलाज़ इंस्टिट्यूट ने आयोजित किया सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम

तुलाज़ इंस्टिट्यूट ने आयोजित किया सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम

बीएसएनके न्यूज संवाददाता / देहरादून डेस्क। तुलाज़ इंस्टिट्यूट ने आज कॉलेज परिसर में सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस (जीएसबी) द्वारा किया गया, और स्पीकर के रूप में डॉ. अमित जोशी मौजूद रहे।

ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन छात्रों को सॉफ्ट स्किल कम्युनिकेशन में उत्कृष्ट बनाने, उनके प्रबंधकीय कौशल को बढ़ाने और उन्हें एक साक्षात्कार में चयनित होने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए किया गया था।

‘स्टूडेंट्स कम फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम’ में 18 वर्षों का अनुभव रखने वाले, कार्यक्रम के वक्ता डॉ. अमित जोशी ने बताया कि साक्षात्कार में चयनित होने की बुनियादी जरूरतें न केवल साक्षात्कार कौशल की रूढ़िवादी तकनीकों का पालन करना है बल्कि साक्षात्कार चयन प्रक्रिया में शामिल होना और आनंद लेना भी है। उन्होंने कहा कि यही विचार शारीरिक हाव-भाव में सकारात्मकता लाता है, जिसे वह थंब रूल मानते हैं।

अमित ने आगे अंतिम उद्देश्यों – नाम, पैसा, बिजनेस टाइकून, प्रसिद्धि, स्वास्थ्य और स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने आईपीओ मॉडल्स ऑफ़ डेवलपमेंट, यानी, इनपुट, प्रोसेसिंग और आउटपुट का भी उल्लेख किया, जहां उन्होंने दर्शकों को इस बात से अवगत कराया कि एक साक्षात्कार के दौरान एक साक्षात्कारकर्ता कैसे ध्यान का केंद्र होता है।

आगे बढ़ते हुए अमित ने छात्रों को उनके कौशल का मानचित्रण करने के बारे में सिखाया, जैसे कि पहचानना, विश्लेषण करना और मूल्यांकन करना, और चयन की प्रक्रिया पर चर्चा भी करी। उन्होंने कार्यक्रम का समापन अपने मैट्रिक्स सिलेक्शन के साथ किया, जिसमें आवश्यक कौशल हैं सेल्लिंग एंड नेगोशिएशन जिनको अक्वायर्ड स्किल्स कहते हैं, और कम्युनिकेशन एंड रिकॉर्डिंग जिनको पोस्सेस्सेड स्किल्स कहते हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के पश्चात छात्रों को आत्मविश्वास के साथ साक्षात्कार का सामना करने के बारे में सीखने को मिला। छात्रों ने यह भी सीखा कि किसी का विश्लेषण कैसे करें और उनकी ताकत और कमजोरी को कैसे जानें, सतर्क और ध्यान केंद्रित करने के लिए खुद मानचित्रण कैसे करें, और एक कंपनी उनसे क्या अपेक्षा कर सकती है और वह कंपनी से क्या अपेक्षा कर सकते हैं।