बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। देहरादून जमा मस्जिद पलटन बाजार में शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी और इमाम संगठन के अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी की मौजूदगी में पलटन बाजार जामा मस्जिद में एक बैठक का आयोजन किया गया । जिसमे शहर के सम्मानित लोगो ने हिस्सा लिया। इस बैठक में यूसीसी पर गहन चर्चा हुई। शहर क़ाज़ी ने कहा की यूसीसी इस्लामी मान्यताओं पर सीधा हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुफ्ती रईस ने कहा की यूसीसी लाकर सरकार एक धर्म के लोगो को खुश करना चाहती है और आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका फायदा उठाना चाहती है। मगर देश और खास तौर पर प्रदेश के लोग इस बहकावे में आने वाले नही है। हम यूसीसी का विरोध करते है और इसके विरुद्ध लड़ाई लड़ी जाएगी। इस अवसर पर मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा की भारत सरकार द्वारा 2016 में लॉ कमीशन का गठन किया गया था।
लॉ कमीशन ने कहा की यूसीसी की कोई जरूरत इस देश को नहीं है। इसके बाद 2023 में दूसरे लॉ कमीशन का गठन किया गया जिसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। तो सरकार की ऐसी क्या मजबूरी थी जो सरकार इतनी जल्दी यूसीसी ले आई और उसे विधानसभा से पास करा लिया। हम इसका विरोध करते हैं।
इस अवसर पर मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष आकिब कुरेशी ने कहा की यूसीसी इस्लामी कानून पर हमले की साजिश है। यूसीसी कमिटी में किसी इस्लामिक विद्वान का ना लिया जाना इसकी सार्थकता एवं मंशा पर प्रश्नचिन्ह है। आकिब कुरेशी ने आगे कहा ये कानून केंद्रीय कानूनों से टकराता है जिसके लिए संविधान के जानकारों से राय ली जा रही है।
इस कानून का विरोध के लिए दिनांक 11 फरवरी 2024 को 10 बजे स्थान धामवाला मस्जिद में शरीयत बचाओ शीर्षक से एक अहम बैठक प्रतावित है। इस बैठक में किस तरह संवैधानिक तरीके से यूसीसी का विरोध किया जाए उसकी रणनीति बनाई जाएगी।