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ATM में ब्लेड लगाकर निकालते थे रुपये, मौज-मस्ती में उड़ाते थे पैसा; चार जालसाज अरेस्ट

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बीएसएनके न्यूज डेस्क/ अपराध :-  अंतरराज्यीय जालसाज गिरोह के पास से 132 एटीएम कार्ड के साथ ही 21 हजार रुपये, कार और उपकरण बरामद किए गए। पकड़े गए आरोपी एटीएम में छेड़छाड़ और कार्ड बदलकर रुपये उड़ाते थे। इन पैसों को मौज-मस्ती करने में खत्म कर देते थे।

एटीएम में छेड़छाड़ और डेबिट कार्ड बदलकर लोगों के खाते से रुपये उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार जालसाजों को लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान बिहार के गया जिले के रोशना गांव के मोनू कुमार और नवादा जिले के अतवां गांव के दयानंद कुमार उर्फ छोटू, कुंज गांव के रविकांत कुमार व सादीपुर नारदीगंज के चंदन कुमार के रूप में हुई है।

आरोपियों के पास से 132 एटीएम कार्ड, एटीएम से पैसा निकालने में प्रयुक्त होने वाली 18 पत्ती व उपकरण, 21585 रुपये, छह मोबाइल और एक कार बरामद की गई है। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को डीसीपी वरुणा जोन ने 11 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है।

डीसीपी वरुणा जोन अमित कुमार ने बताया कि बीते 14 जनवरी को पांडेयपुर की रहने वाली जया कन्नौजिया ने लालपुर पांडेयपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जया का आरोप है कि पांडेयपुर चौराहा स्थित एचडीएफसी के एटीएम में उनके साथ धोखाधड़ी कर उनके खाते से 8000 रुपये निकाल लिए गए।
लालपुर पांडेयपुर थानाध्यक्ष मनोज कुमार के नेतृत्व में दरोगा अंकुर कुशवाहा, शशि प्रताप सिंह व अमरजीत कुमार और हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार मौर्य की टीम ने सीसी कैमरों की फुटेज और सर्विलांस की मदद से आरोपियों को चिह्नित कर उन्हें गिरफ्तार किया।

आरोपियों की जालसाजी के ये थे तरीके

  • आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बरामद की गई कार से वह अलग-अलग शहरों में घूमते रहते हैं। किसी भी एटीएम पर जाकर उनमें से दो लोग बाहर रहते हैं और दो लोग अंदर चले जाते हैं। यदि कोई ऐसा व्यक्ति मिल जाता है जो एटीएम कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल करना नहीं जानता है, तो उसकी मदद के बहाने पिन जानकर उसका कार्ड बदल देते थे।
  • एटीएम में पैसा निकलने वाले स्थान पर एक पत्ती लगाकर छोड़ देते हैं और उसके आसपास ही रहते हैं। कोई ग्राहक एटीएम से पैसा निकालने आता है और सारी प्रक्रिया पूरी कर लेता है, लेकिन हमारे द्वारा लगाई गई पत्ती के कारण उसका पैसा बाहर नहीं आता है। जब ग्राहक के एटीएम से बाहर चला जाता है तो हम लोग अंदर घुसकर पिलास और पेचकस के सहारे अपनी पत्ती निकालकर पैसे निकाल लेते हैं।
  • एटीएम में कार्ड लगाने वाले स्थान पर फेवीक्विक लगा देते हैं। कोई ग्राहक एटीएम में अपना कार्ड लगाता है और सारी प्रक्रिया पूरी करता है तो उसके पीछे खड़े गिरोह के सदस्य द्वारा उसका पिन देख लिया जाता है। फेवीक्वीक लगा होने के कारण एटीएम कार्ड नहीं निकल पाता है तो उस व्यक्ति को गार्ड को बुलाने के लिए बाहर भेज दिया जाता है। उसी दौरान एटीएम में फंसे कार्ड को निकालने के लिए प्रीमियम ह्वाईट ग्लू लगाकर फेवीक्विक का असर खत्म कर दिया जाता है। फिर, आसानी से कार्ड निकाल लिया जाता है।

तीन साल से कर रहे थे जालसाजी
चारों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह तीन साल से जालसाजी कर मौज-मस्ती करते हुए जीवन जी रहे हैं। अब तक चारों लगभग 40 से 45 लाख रुपये कमाकर खर्च कर चुके हैं। वाराणसी में चारों ने कचहरी स्थित एसबीआई के एटीएम में मदद के बहाने एक बुजुर्ग का कार्ड बदलकर चार बार में 40 हजार रुपये निकाले। हरहुआ स्थित यूनियन बैंक के एटीएम में फेवीक्विक लगाकर कार्ड फंसाकर उसे निकाल लिए और पैसे निकाले। पांडेयपुर चौराहे पर एचडीएफसी के एटीएम में पत्ती लगाकर युवती के खाते से 8000 रुपये निकाल लिए।