बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। तुलाज़ इंस्टिट्यूट के टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर फाउंडेशन ने आज कॉलेज परिसर में दो दिवसीय ‘उत्तराखंड स्टार्टअप एस्पिरेंट्स मीट 2022’ का आयोजन किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड स्टार्टअप, एसटीपीआई देहरादून, ग्रामीण व्यापार इनक्यूबेटर और हेडस्टार्ट सहित प्रमुख संगठनों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में तीन सत्र शामिल रहे जिसमें सरकारी अधिकारियों, इनक्यूबेटर के सीईओ, उद्योग के प्रतिनिधियों और एक स्टार्ट-अप फाउंडेशन के साथ पैनल चर्चा शामिल रही।
अतिरिक्त निदेशक, एसटीपीआई देहरादून मनीष कुमार, वरिष्ठ सलाहकार, उत्तराखंड स्टार्टअप सिद्धार्थ शुक्ला, और वरिष्ठ वैज्ञानिक, यूएसईआरसी, उत्तराखंड सरकार डॉ. भवतोष शर्मा ने प्रथम पैनल चर्चा में भाग लिया।
सत्र में सरकारी पहल और उद्यमिता के माध्यम से उद्यमिता और ग्रामीण विकास पर नीतियां पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीजेएमसी विभाग के सहायक प्रोफेसर तौसीफ इकबाल और ईईई विभाग की सहायक प्रोफेसर शीतल कपूर द्वारा करी गई।
पहले सत्र के बाद, तकनीकी अधिकारी, सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पर्टोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) आदित्य वर्मा ने सिपेट में दी जाने वाली इनक्यूबेटर और स्टार्टअप सुविधाओं पर चर्चा की।
निदेशक सीआईआईईएस, डीआईटी विश्वविद्यालय देहरादून उमेश अग्रवाल, वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक, हेडस्टार्ट मुकेश केस्टवाल, ग्रामीण व्यापार इनक्यूबेटर, पौड़ी गढ़वाल निष्कर्ष मेहरा, और डॉ निशांत सक्सेना ने दूसरे पैनल चर्चा में भाग लिया। संगोष्ठी का आयोजन ‘कैसे इनक्यूबेटर सफलता की कहानियों के माध्यम से स्टार्टअप विकास को बढ़ावा देते हैं और ‘कैसे इनक्यूबेटर ग्रामीण स्टार्टअप की सहायता करके ग्रामीण विकास में योगदान दे सकते हैं’ पर चर्चा की गई।
कांफ्रेंस के दौरान इनोवे इंटेलेक्ट्स की संस्थापक पूजा कुमार ने ‘स्टार्टअप पर्सपेक्टिव से बौद्धिक संपदा अधिकार और इसका महत्व’ विषय पर एक प्रस्तुति दी।
आर2ई टेक्नोलॉजीज की संस्थापक रेणु थपलियाल, आग्यो प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक मुकुल मेहता, आर्टेवा समूह के संस्थापक अनुज भास्कर ने तीसरे पैनल की चर्चा में भाग लिया। बातचीत व्यवसायों की सफलता की कहानियों पर केंद्रित रही। उन्होंने ‘विभिन्न बाधाओं को कैसे पार किया’ पर चर्चा की।
दो दिवसीय बैठक में तुलाज़ इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ संदीप विजय, तुलाज़ इंस्टिट्यूट के उपाध्यक्ष और टीटीबीआईएफ के संस्थापक डॉ. राघव गर्ग, रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार चौबे, एकेडेमिक्स के डीन डॉ. निशांत सक्सेना, मैनेजमेंट के डीन डॉ. रनित किशोर, अनुसंधान और विकास के डीन डॉ. सुनील सेमवाल, और सहायक प्रोफेसर एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. त्रिपुरेश जोशी उपस्थित रहे।