बीएसएनके न्यूज डेस्क/अल्मोड़ा। 1 मई मजदूर दिवस पर चौघानपाटा मे विभिन्न संगठनों ने मई दिवस पर आज धरना दिया । धरने मे पुरानी पेंन्शन बहाल करने उपनल मजदूरी न्यूनतम पच्चीस हजार करने,ठेका प्रथा समाप्त करने तथा सांप्रदायिकता की राजनीति का विरोध की मांगे उठाई गई। इस अवसर पर मजदूर हितों के लिये संघर्ष का संकल्प ब्यक्त किया गया।
चौघानपाटा में मई दिवस पर आधारभूत बकतब्य देते हुये दिनेश पाण्ड़े ने कहा कि आज ही के दिन शिकागो से मजदूरों नें समान कार्य के लिये समान मजदूरी की मांग की थी तथा काम के घण्टे तय करने के लिये शहादते दी थी और एक मानवीय समाज के निर्माण की परिकल्पना दुनियां को दी।
आज उदारवादी अर्थव्यवस्था ने जहां अमीर गरीब की खाई को बड़े पैमाने में बढ़ाया है वहीं दक्षिण पंथी राजनीति के उभार को बड़ाकर मजदूर एकता को तोड़ने का काम किया। दिनेश,सभा की अध्यक्षता आनन्दी वर्मा ने की तथा संचालन संयुक्त रूप से मिनिष्ट्रीयल एसोसिएशन के पूर्व प्रान्तीय अध्यक्ष चन्द्रमणी भट्ट तथा किसान सभा के दिनेश पाण्डे ने किया।
संचालन करते हुवे चंद्रमणि भट्ट ने कहा कि हर वेतनभोगी चाहे वह राजकीय हो या निजी सब मजदूरों की ही श्रेणि मे आते है अब संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के पद समाप्त कर संविदा व ठेकेदारी के पद सृजित हो रहे है। जिनके अधिकार सिमित हो गये है अल्प वेतन में वह ना तो परिवार का भरण पोषण कर पा रहे है । ना ही उनका भविष्य सुरक्षित है जे सी दुर्गापाल ने रेडक्रोस की तरफ से मास्क बितरित करते हुवे कहा कि मजदूरों को भी उचित सम्मान व अवसर मिलने चाहिये ।
उ प पा के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि आज लोगो ने बोलना ही बन्द कर दिया। अल्मोड़ा किले के सवाल पर बोलते उन्होने कहा कि सरकार अब करोड़ो रूपये खर्च करने व जिलाधिकारी कार्यालय हटाने के बाद अब किले मे पर्यटन व संस्कृति बिभाग के कार्यालय खोलने की बात होरही है ।