बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। तुलाज़ इंस्टिट्यूट के रिसर्च सेल ने कॉलेज परिसर में सभी विभागों के संकाय सदस्यों के लिए ‘इफेक्टिव करिकुलम डिलीवरी’ पर 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला पाठ्यक्रम के विकास और विभिन्न शिक्षण और सीखने की पद्धति के माध्यम से पाठ्यक्रम के प्रभावी वितरण सहित पाठ्यक्रम डिजाइन और कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित थी।
पहले सत्र के प्रख्यात वक्ता केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. वेकटेश रायकर थे। अपने सत्र के दौरान, उन्होंने नैक/एनबीए के दृष्टिकोण से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए विभिन्न मॉडलों के साथ पाठ्यक्रम विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
अगले वक्ता केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. नरशिमा अयाचित थे, जिसमें उन्होंने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया। डीन एमआईटी, मुरादाबाद, डॉ क्षितिज सिंघल ने संकाय-छात्र बातचीत और कला पर चर्चा की, जबकि प्रमुख पाठ्यचर्या विकास केंद्र एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ से डॉ अरविंद बाल गुप्ता ने पाठ्यक्रम डिजाइन और वितरण के सिद्धांत पर अपनी बात साझा करी।
कार्यशाला के समापन दिन पर, प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) आईआईटीआर डॉ एस सी हांडा ने एक उत्कृष्ट शिक्षक बनने के बारे में अपनी बात रखी। सत्र के दौरान, उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की। अंत में, वक्ताओं में से एक, डॉ पंकज बिजलवान ने कुशल समय प्रबंधन और तनाव प्रबंधन पर एक वार्ता सत्र प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर तुलाज़ इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ संदीप विजय, डीन अकादमिक डॉ निशांत सक्सेना, डीन आर एंड डी डॉ सुनील सेमवाल और डीन कृषि और प्रबंधन डॉ रनित किशोर उपस्थित रहे।