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बड़ी खबर- 45 में से 38 छात्र छात्राएं हुए फेल,रोका प्रधानाचार्य सहित 14 शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक माह का वेतन

Chief Minister Dhami serious about cleanliness and dengue-malaria during monsoon period

बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़,चमोली। जनपद के नारायणबगड़ प्रखंड में हाल ही में संपन्न हुए प्री बोर्ड परीक्षाओं में इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में दयनीय परीक्षा परिणाम के चलते खंड शिक्षा अधिकारी ने राइका रैंस -चोपता के प्रधानाचार्य सहित सभी विषयाध्यापकों के फरवरी माह का वेतन रोके जाने ने के निर्देश दिए हैं। जो बहुत तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

प्रखंड के राजकीय इंटर कालेज रैंस-चोपता में भी संपन्न हुए हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के छात्र छात्राओं की प्री बोर्ड परीक्षा परिणाम में दयनीय नतीजों ने जिम्मेदार विषयाध्यापकों की अध्यापन की गैरजिम्मेदाराना रवैये की पोल खोल दी है।

गौरतलब है कि वर्तमान में राईका रैंस चोपता में हाईस्कूल में पच्चीस छात्र छात्राएं पंजीकृत हैं। जिनमें प्री बोर्ड परीक्षा में छः ही विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए जबकि बीस छात्र छात्राएं इंटरमीडिएट में पंजीकृत हैं जिनमें से मात्र एक ही छात्र उत्तीर्ण हुआ है और 19 छात्र छात्राएं फेल हो गए इस तरह क्रमशः हाइस्कूल में 24 प्रतिशत एवं इंटरमीडिएट में 06 प्रतिशत रहा जबकि विद्यालय में वर्तमान में 115 छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं।

प्रखंड के सभी माध्यमिक विद्यालयों के संस्थाध्यक्षों द्वारा प्री बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराए गए। जिनमें सबसे दयनीय स्थिति राइका रैंस चोपता का रहा। इससे नाराज़ खंड शिक्षा अधिकारी अनिनाथ ने तुरंत ही राइका चोपता में अध्यापन कार्य कर रहे 14 शिक्षक व शिक्षिकाओं का फरवरी महीने का वेतन आहरण पर प्रभावी तौर पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं।

Big news- 38 out of 45 students failed, one month salary of 14 teachers including the principal stopped.
Big news- 38 out of 45 students failed, one month salary of 14 teachers including the principal stopped.

खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिन विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्री बोर्ड परीक्षा में अब्बल परीक्षाफल प्राप्त किए हैं उनको प्रोत्साहित करने के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग की किताबें निःशुल्क पुरस्कार स्वरूप दिए गए हैं।अपने आदेश में उन्होंने स्पष्ट किया है कि राजकीय इंटर कालेज रैंस-चोपता का परीक्षा परिणाम हाइस्कूल स्तर पर 24 प्रतिशत और इंटरमीडिएट स्तर पर 06 प्रतिशत रहा है और ऐसी निंदनीय स्थिति विद्यालय में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं का गैर जिम्मेदाराना रवैया दर्शाता है।

इससे शिक्षा के क्षेत्र में विकास खंड की छवि भी पूरे प्रदेश भर में धूमिल हुई है।साथ ही उन्होंने निर्देश पत्र में कहा है कि इससे यह प्रतीत होता है कि विषयाध्यापकों द्वारा विद्यालय में अध्यनरत छात्र छात्राओं के पठन-पाठन पर ध्यान नहीं दिया जाता है जिससे उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा हेतु शत-प्रतिशत विभागीय लक्ष्य का प्रभावित होंने की आशंका बनती है।

खंड शिक्षा अधिकारी ने राइका रैंस चोपता के प्रधानाचार्य सहित सभी विषयाध्यापकों से इस तरह के गैरजिम्मेदाराना रवैया के परीक्षा परिणाम पर स्पष्टीकरण तलब किया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि जिन विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्री बोर्ड परीक्षाओं में अब्बल परीक्षाफल प्राप्त किए हैं उनको प्रोत्साहित करने के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग की किताबें निःशुल्क पुरस्कार स्वरूप दिए गए ताकि अन्य विद्यार्थी भी मेहनत कर उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा में ब्लाक,जिला एवं प्रदेश का नाम रोशन करें।

राजकीय शिक्षक संघ के सूत्रों ने बताया कि वह जल्द ही खंड शिक्षा अधिकारी से मिलकर इस संबंध में राइका रैंस-चोपता के परीक्षा परिणाम पर स्पष्टीकरण सौंपकर वार्ता करेंगे। यह तो अब देखने वाली बात होगी कि आखिरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए दोनों पक्षों की वार्ता के बाद क्या परिणाम सामने आते हैं लेकिन कहीं न कहीं इस तरह के परीक्षा परिणाम पर कार्रवाई से अन्य विद्यालयों में कार्यरत योग्य,कर्मठ और जिम्मेदारी से पठन-पाठन का संचालन करने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को भी शर्मशार होना पड़ा है।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक