बीएसएनके न्यूज / हेल्थ डेस्क। डायबिटीज तब विकसित होती हैं जब हमारा शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है (टाइप 1 मधुमेह मेलेटस- T1DM) या जब शरीर इसका अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है।
दुनियाभर में हर साल डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं, भारत में भी 7.7 करोड़ लोग इस बीमारी का शिकार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 2025 तक भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या 12 करोड़ तक पहुंच सकती है। चिंता की बात यह है कि 30 फीसदी लोगों को यह जानकारी भी नहीं होती है कि इस बीमारी के लक्षण क्या हैं। देरी से पहचान की वजह से कई बार डायबिटीज से मरीजों की स्थिति बिगड़ जाती है। इसमें मेलेटस डायबिटीज भी एक पुरानी बीमारी है, जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल से होती है, आइए जानते हैं कि इस डिजीज के बारे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
स्पशलिस्ट कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजी एंड डायबिटीज बताते हैं कि शरीर में हमारे द्वारा खाए जाने वाले अधिकांश भोजन ग्लूकोज में टूट जाते हैं और रक्त में निकल जाते हैं। इंसुलिन पैनक्रियाज द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है, जो ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं में जाने में मदद करता है।
यह ग्लूकोज शरीर की विभिन्न कोशिकाओं को उनके सभी कार्य करने के मदद करता है। डायबिटीज तब विकसित होती हैं जब हमारा शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है (टाइप 1 मधुमेह मेलेटस- T1DM) या जब शरीर इसका अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है (T2DM). यह समस्या छोटे बच्चों मे भी देखी जाती है. बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज के काफी केस देखे जाते हैं।
इन वजहों से भी होती है डायबिटीज
मोटापे से पीड़ित लोग, जिनकी खानपान और लाइफस्टाइल ठीक नहीं है ऐसे लोगों को मेलेटस डायबिटीज होने का खतरा काफी ज्यादा होता है। ऐसे लोगइंसुलिन की क्रिया के प्रतिरोधी हो जाते हैं। इसका मतलब यह है कि उनके शरीर द्वारा बन रहा इंसुलिन उनमें उतना काम नहीं करता जितना उसे करना चाहिए। इसके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। मोटापे से पीड़ित लोगों में डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि अपने वजन को कंट्रोल में रखें।
डायबिटीज से कई अंगों को होता है नुकसान
डायबिटीज की वजह से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इस बीमारी की वजह से आखें खराब होने का खतरा रहता है। इस समस्या को डायबिटीक रैटिनोपेथी कहते हैं। इससे आंखों की रोशनी जाने तक का भी खतरा रहता है, डायबिटीज की वजह से हार्ट डिजीज का रिस्क भी बढ़ जाता है। साथ ही ये किडनी को भी खराब कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि खानपान का ध्यान रखें और लाइफस्टाइल को ठीक करें। अगर शरीर में बल्ड शुगर का लेवल कंट्रोल में रहेगा तो डायबिटीज नहीं होगी और अन्य कई बीमारियों का रिस्क भी कम होगा।
