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जोशीमठ के आपदा प्रभावित बोले, अपनी जमीन छोड़कर नहीं जाएंगे बाहर ,विकल्प पत्र को बताया आधा अधूरा

जोशीमठ के आपदा प्रभावित बोले, अपनी जमीन छोड़कर नहीं जाएंगे बाहर ,विकल्प पत्र को बताया आधा अधूरा

बीएसएनके न्यूज / चमोली डेस्क। जोशीमठ नगर के भू-धंसाव प्रभावितों ने ढोल-दमाऊं के साथ जुलूस निकाला और तहसील पहुंचकर सरकार की ओर से विस्थापन के लिए दिए गए विकल्प पत्रों को प्रशासन को लौटा दिए।

प्रभावितों ने वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर भी असंतुष्टि जताई। उन्होंने कहा कि जोशीमठ से उनका व्यावसायिक, सामाजिक, धार्मिक जुड़ाव है, इसलिए वह जोशीमठ को छोड़कर दूसरी जगह नहीं जाएंगे। उन्होंने नगर में हो रही निर्माण कार्य पर रोक लगाने समेत आठ सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

नगर में आपदा प्रभावित बदरीनाथ स्टैंड पर एकत्रित हुए। इसके बाद ढोल दमाऊं के साथ उन्होंने विशाल जुलूस निकाला और प्रदर्शन करते हुए तहसील परिसर पहुंचकर प्रशासन को विकल्प पत्र बिना भरे ही लौटा दिए। इसके बाद वह धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि आधे अधूरे विकल्प पत्रों से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को आठ सूत्री मांगों का ज्ञापन भी भेजा।

कहा कि नगर के मूल निवासियों व पुश्तैनी निवासियों की प्रभावित क्षेत्र के अलावा मारवाड़ी, सुनील, गौख, औली, होसी, मनोटी तक निजी भूमि, गोशाला, देवालय, मठ मंदिर हैं। इस जगह से उनका कई पीढि़यों से जुड़ाव है। ऐसे में वह अपनी भूमि को छोड़कर दूसरी जगह नहीं जाना चाहते। उन्हें जोशीमठ के आसपास ही बसाया जाए। इसलिए जोशीमठ का जल्द से जल्द ट्रीटमेंट शुरू किया जाए।

साथ ही उन्होंने भू सर्वेक्षण को लेकर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर भी असंतुष्टि जताई। कहा कि ऐसा कैसे हो गया कि सरकारी भवन, सेना, आईटीबीपी, एनटीपीसी के भवनों को सुरक्षित श्रेणी में रखा गया है जबकि आवासीय भवनों को उच्च जोखिम में रखा गया है। जबकि सभी भवन आसपास बसे हुए हैं।

आपदा के बाद से नगर में सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक है, उसके बावजूद यहां धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं। उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की। रैली में समीर डिमरी, भुवन चंद्र उनियाल, ऋषि प्रसाद सती, सुभाष डिमरी, प्रकाश नेगी, भगवती प्रसाद नंबूरी, हरेंद्र राणा, रमेश डिमरी, प्रदीप भट्ट और वैभव सकलानी सहित बड़ी संख्या में प्रभावित शामिल रहे।

रिपोर्ट – प्रदीप लखेड़ा