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प्रदेश में अल्ट्रामेगा अक्षय ऊर्जा पॉवर पार्क्स की स्थापना हेतु टी.एच.डी.सी. एव आर.आर.ई.सी.एल. के मध्य 10000 मेगावाट क्षमता के संयुक्त उपक्रम हेतु एग्रीमेन्ट

बीएसएनके न्यूज डेस्क / ऋषिकेश। भारत सरकार की मिनी रत्न ए-श्रेणी की कम्पनी टी.एच.डी.सी. लिमिटेड तथा राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के मध्य दिनांक 30 जनवरी को जयपुर में ज्वांइट वैंचर कम शेयरहोल्डिंग एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर किए गए।

टी.एच.डी.सी. एवं आर.आर.ई.सी. ज्वाइंट वैंचर कंपनी में 74:26 प्रतिशत हिस्से क्रमषः की भागीदारी होगी। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अघ्यक्ष आशुतोष ए.टी. पेडणेकर तथा प्रबंध निदेशक अनिल ढाका की उपस्थिति में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के तकनीकी निदेशक डी.के. शर्मा तथा टी.एच.डी.सी. के चीफ जनरल मैनेजर (सोलर) एस.एस. पॅवार द्वारा उक्त समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष आशुतोष ए.टी.पेडणेकर द्वारा इस अवसर पर अवगत करवाया गया कि इस ज्वाइंट वेंचर कम्पनी द्वारा प्रदेश में 10,000 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा परियोजनायें प्रदेश के विभिन्न स्थानों में चरणबद्व रूप से विकसित की जाऐगी। जिससे सस्ती अक्षय ऊर्जा की प्राप्ति होगी। इस अवसर पर पेडणेकर द्वारा टी.एच..डी.सी. अधिकारियों के साथ मिलकर फ्लोटिंग सोलर और पम्प स्टोरेज हाईड्रोप्लांट को भी राजस्थान में विकसित कराये जाने के लक्ष्यों पर विचार-विमर्ष किया।

पेडणेकर के अनुसार प्रदेश में स्थापित होने वाले इस अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पॉवर पार्क्स की स्थापना प्रदेश में केन्द्र सरकार के उपक्रम के साथ अक्षय ऊर्जा के विकास की इस तरह की एक अनूठी पहल साबित होगी । राज्य सरकार प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के विकास हेतु हर संभव सहायता एवं सहयोग प्रदान करने हेतु कटिबद्व है।

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल ढाका द्वारा अवगत करवाया गया कि प्रदेश में 10,000 मेगावाट क्षमता के अल्ट्रामेगा अक्षय ऊर्जा पॉर्क्स की स्थापना से राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ-साथ राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के कार्य-कलापों के दायरे का विकास होगा।

टी.एच.डी.सी. के सी.जी.एम. (सोलर) एस.एस. पॅवार द्वारा बताया गया कि इस अल्ट्रामेगा अक्षय ऊर्जा पार्क्स की स्थापना पर लगभग 40,000 करोड रूपये का निवेश होगा तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10,000 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होगा जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर का विकास होगा। पॅवार के अनुसार प्रथम चरण में वर्ष 2025 तक 2000 मेगावाट क्षमता के सोलर पॉर्क्स का विकास किया जाएगा।

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