Home हेल्थ जानिये क्यों – बरसात के मौसम में सांस की बीमारियों के बढ़...

जानिये क्यों – बरसात के मौसम में सांस की बीमारियों के बढ़ रहे केस

Respiratory-infections-in-monsoon

बीएसएनके न्यूज / हेल्थ डेस्क। बरसात के मौसम में हवा में नमी कम हो जाती है। इससे कई तरह की सांस की बीमारियां फैलती हैं। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मामले ज्यादा रिपोर्ट किए जाते हैं।

मानसून में कई तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, लोग पेट की बीमारियों से लेकर डेंगू और मलेरिया जैसे संक्रमण का शिकार होते हैं। लेकिन बारिश के इस मौसम में सांस की बीमारियों के केस भी बढ़ रहे हैं। लोगों को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी जैसी डिजीज हो रही है, डॉक्टरों का कहना है कि बरसात के दौरान हवा में नमी कम हो जाती है। इससे कई प्रकार के बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं जो रेस्पिरेटरी डिजीज ( सांस की बीमारियां) का कारण बनते हैं।

Respiratory infections in monsoon

डॉक्टरों के मुताबिक, इस समय लोगों को अस्थमा का अटैक आना, सांस लेने में परेशानी और लंग्स इंफेक्शन की समस्या हो रही है। बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक में ये परेशानियां देखी जा रही हैं। ऐसे में इस मौसम में लोगों को सेहत का ध्यान रखना चाहिए। अगर किसी को पहले से सांस की बीमारियां हैं तो उनको खास सावधानी बरतने की जरूरत है।

क्यों बढ़ जाती हैं सांस की बीमारियां
विशेषज्ञ ने बताया कि इस वेदर में एलर्जी और नमी बढ़ जाती है, इस वजह से हवा में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। सांस के जरिए ये लंग्स में जाते हैं और रेस्पिरेटरी डिजीज का कारण बनते हैं। जिन लोगों को पहले से ही सांस की बीमारियां होती हैं उनकी परेशानी इस मौसम में ज्यादा बढ़ जाती है।

अस्थमा के केस बढ़ जाते हैं

विशेषज्ञ ने बताया कि बरसात के मौसम में अस्थमा के केस बढ़ जाते हैं, यह फेफड़ों की एक खतरनाक बीमारी है। जिसका समय पर ट्रीटमेंट होना बहुत जरूरी है। अगर किसी को लगातार खांसी आ रही है, चेस्ट में जकड़न है और सांस लेने में भी परेशानी हो रही है तो ये सब अस्थमा के लक्षण हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

पहले से जिनको बीमारी है वो सतर्क रहें

विशेषज्ञ डॉक्टर बताते हैं कि सांस की बीमारियों के मरीजों को इस मौसम में खास ध्यान रखने की जरूरत है। अस्थमा के मरीजों को सलाह है कि वे अपनी दवाएं समय पर लें और इनहेलर को साथ रखें, छोटे बच्चों की सेहत का भी ध्यान रखें। अगर उनको सांस फूलने या फिर छाती में घरघराहट की परेशानी हो रही है तो इसे हल्के में न लें। ऐसा इसलिए क्योंकि, बच्चों में सांस की बीमारी निमोनिया भी बन सकती है, जो काफी खतरनाक होता है।

ऐसे करें बचाव

  • धूल,मिट्टी और धूएं के दूर रहें
  • कोई स्मोकिंग कर रहा है तो उसके पास न जाएं
  • शरीर को हाइड्रेट रखें
  • समय पर अपनी दवाएं लें
  • ठंडी चीजों के सेवन से बचें
  • बहुत ज्यादा एक्सरसाइज न करें